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मैं शादी नहीं करना चाहती हूं, मैं अभी और पढऩा चाहती हूं

locationरतलामPublished: Apr 21, 2018 12:54:12 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

– परिजनों द्वारा बाल विवाह करने पर किशोरी घर से पहुंची थाने, परिजनों की शिकायत की

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रतलाम। सर मैं शादी नहीं करना चाहती हूं, मैं अभी और पढऩा चाहती हूं। अभी में नाबालिग होकर दसवीं कक्षा में पढ़ती हूं। मेरे घर वाले मेरी जबरन शादी कराना चाहते है, मेरी सगाई कर दी है और अगले महीने शादी है। लड़का भी नाबालिग है, मैं अभी उससे शादी नहीं करना चाहती हूं। मैंने उससे भी यह कहा लेकिन वह भी नहीं माना इस कारण से आज आपसे मदद मांगने आई हूं। ये बात शुक्रवार को महिला थाने पहुंची एक १७ वर्ष कि किशोरी ने कही।
किशोरी अपना बाल विवाह रूकवाने के लिए जब थाने पहुंची, तो वहां से पुलिस उसे अपने साथ लेकर हाट की चौकी स्थित महिला सशक्तिकरण व वन स्टॉप सेंटर ले गई। यहां किशोरी ने बताया कि उसकी ईच्छा के बिना धोखे में रखकर परिजनों ने उसकी सगाई ये बोलकर करा दी थी। उन्होंने कहा था कि शादी तीन साल बाद करेंगे, लेकिन उसे कल पता चला कि कुछ दिन बाद उसकी शादी होने वाली है, लेकिन वह शादी नहीं करना चाहती इस कारण से मदद मांगने पहुंची है।

17 वर्ष ही है उम्र
यह शिकायत शहर के राजस्व नगर में रहने वाली किशोरी ने की। उसने बताया कि वह वर्तमान में 17 वर्ष और 6 माह की होकर कक्षा दसवीं में पढ़ रही है। उसके माता-पिता उसकी ईच्छा के विरूद्ध उसकी शादी कराना चाह रहे है। उन्होंने धोखे में रखकर 22 मार्च को सगाई करा दी थी। शादी तीन साल बाद करने का कहा था लेकिन कल पता चला कि 5 मई को मेरी शादी है और उसके कार्ड भी छप गए है। मैं शादी नहीं करना चाहती हूं अभी पढऩा चाहती हूं।

परिजनों से किया संपर्क
महिला सशक्तिकरण के अमले ने किशोरी से उसके परिजनों का नंबर मांगा तो उनके पास मोबाइल नहीं होने की बात कही। बाद में भाई से बात कराई तो उसने बाहर होने की बात कही। इस पर अमले ने शाम को किशोरी की उम्र से जुड़े दस्तावेज लेकर कार्यालय आने की बात कही। किशोरी की माने तो उसके पिता ज्यूस सेंटर पर काम करते है और मां एक महिला अधिकारी के यहां खाना बनाती है। माता-पिता आज बड़ौदा गए है।

नाना-नानी कराना चाहते है शादी्र
किशोरी की माने तो शादी के लिए उसके नाना-नानी ने दबाव बनाया था। मौसी ने मना किया तो मामा ने भी शादी कराने की बात कही थी। इस कारण से मेरे माता-पिता भी तैयार हो गए और मुझे बताए बगैर शादी की बात बांसवाड़ा में पक्की कर दी, जबकि मैंने पहले ही मना कर दिया था। सगाई के बाद से मैं बड़ी सरवन दादा-दादी के पास रह रही हूं। कल परिवार में शादी होने से रतलाम आई तब पता चला कि मेरी शादी की पत्रिका छप चुकी है।
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