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चंद्र ग्रहण 2018: बंद हो जाएंगे सभी मंदिर, सुबह से गुरु पूनम का उत्साह

locationरतलामPublished: Jul 27, 2018 11:08:13 am

Submitted by:

Ashish Pathak

चंद्र ग्रहण 2018: दोपहर बाद बंद हो जाएंगे सभी मंदिर, सुबह से गुरु पूनम का उत्साह

Chandra Grahan 2018

सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव से रक्षा करेंगे इन मंत्रों के जाप

रतलाम। इस सदी के सबसे बडे़ चंद्रग्रहण होने से दोपहर को सुतक लग जाएगा। आज यानी 27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे लंबा 104 मिनट का चंद्रग्रहण लग रहा है। रात 10 बजकर 53 मिनट से लगने वाले इस चंद्रग्रहण का ज्योतिषी लेकर गुरुभक्त लंबे समय से इंतजार कर रहे है। ये बात चांदनीचौक में गुरु पूनम के अवसर पर योगश्री श्रेया जैन ने कही।
योगश्री श्रेया ने कहा कि शुक्रवार रात 10 बजकर 53 मिनट से ग्रहण का असर शुरू हो जाएगा। रात 11 बजकर 54 मिनट से ये खुली आंख से दिखने लगेगा। रात 1 बजकर 51 मिनट पर चंद्रग्रहण अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा। असल में ये ही पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। रात 2 बजकर 43 मिनट से ग्रहण का असर कम होना शुरू होाग। व शनिवार 5 बजे तक ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
इसलिए बंद हो जाएंगे सभी मंदिर

योगश्री श्रेया ने कहा कि ग्रहण की वजह से न सिर्फ रतलाम बल्कि मध्यप्रदेश व देश के सभी मंदिर सूतक लगने की वजह से 9 घंटे पूर्व ही बंद हो जाएंगे। एेसे में शाम को मंदिरों में होने वाली आरती, भगवान की शयन आरती आदि का आयोजन नहीं होगा। शहर के प्रसिद्ध बिबडोद जैन मंदिर, कालिका माता मंदिर, सांई मंदिर सहित सभी मंदिरों में दोपहर 2 बजे बाद दर्शन का लाभ नहीं मिलेगा।
ये रहेगा सूतक का समय

योगश्री श्रेया ने कहा कि शनिवार सुबह से ग्रहण समाप्त होते ही मंदिर के कपाट आदि खोल दिए जाएंगे। ग्रहण रात 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा व 28 जुलाई को सुबह 5 बजे बाद सभी मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।
इसलिए बेहतर है इन राशि वालों के लिए

यह ग्रहण उत्तराषाढा,श्रवण नक्षत्र सहित मकर राशि वालो के लिए अनिष्ट कारक है । ग्रहण सबसे अधिक बेहतर मेष व वृश्चिक, मीन राशि वालों के लिए लाभ देने वाला रहेगा। क्योकि मंगल इस समय पृथ्वी के बेहद करीब रहेगा। वृष,मिथुन,कन्या राशि वालो को मध्यम एवं कर्क, तुला, धनु, मकर एवं कुम्भ राशि वालो को अधम फल रहेगा, एेसे में ये जरूरी है कि हर कोई ग्रहण समय में गुरुमंत्र से लेकर ईष्ट आराधना करें।
ग्रहण काल के दौरान क्या करे
ग्रहण काल के दौरान जप,तप,दान,ध्यान करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है और साधकों द्वारा विशेष सिद्धियां भी प्राप्त की जाती है ।

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