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जन एजेंडा बैठकों में हो रहा है समस्याओं पर मंथन, सामने आ रही है बड़ी समस्याएं

locationरतलामPublished: Oct 04, 2018 11:42:26 am

Submitted by:

harinath dwivedi

जन एजेंडा बैठकों में हो रहा है समस्याओं पर मंथन, सामने आ रही है बड़ी समस्याएं

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जन एजेंडा बैठकों में हो रहा है समस्याओं पर मंथन, सामने आ रही है बड़ी समस्याएं

रतलाम। पत्रिका चेंजमेकर अभियान के अंतर्गत अब जन एजेंडा की बैठकों का दौर शुरू हो गया है। हर विधानसभा में बने चेंजमेकर आम जनता के साथ विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर मंथन चल रहा है। आम जनता इन जन एजेंडा बैठकों में पहुंचकर क्षेत्र की खास समस्याओं पर विचार-विमर्श करने में लगे हैं।
प्रतापनगर अंडरब्रिज बन जाने से इससे जुड़े एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों के साथ ही प्रतापनगर सहित आसपास की दूसरी कॉलोनियों के रहवासियों को लंबा चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। यही नहीं उन्हें शहर तक पहुंचने में समय और ईंधन भी बचेगा। यह बिंदु प्रतापनगर में पत्रिका चेंजमेकर अभियान के अंतर्गत बदलाव के नायक की जन एजेंडा बैठक में सामने आया। पत्रिका चेंजमेकर राधावल्लभ खंडेलवाल ने बताया प्रतापनगर अंडर ब्रिज इस क्षेत्र की बहुत बड़ी आवश्यकता है जिसे पूरा किया जाना जरुरी है। हम चुनाव के दौरान इसे ही मु²ा बनाएं तो इसके सार्थक परिणाम आ सकते हैं। बैठक में प्रतापनगर और आसपास के रहवासी शामिल हुए जिन्होंने सर्वानुमति से इस बात को रेखांकित किया।
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इन बिंदुओं पर भी हुई चर्चा

जन एजेंडा की बैठक के दौरान प्रतापनगर अंडरब्रिज के साथ ही शहर में बंद हो चुके उद्योगों को फिर से चालू करवने, रेलवे में सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए प्रयास करना, जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करवाना, अस्पताल में विशेषज्ञों की सुविधाएं मिलना जैसे बिंदुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।
8 लेन में मुआवजा नहीं जमीन के बदले जमीन चाहिए

दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस वे के निर्माण की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है। इसके लिए जमीनी सर्वे में ग्रामीण क्षेत्र के कई छोटे-बडे़ किसानों की जमीन 8 लेन निर्माण में जा रही है, जिसके चलते किसान भूमिहीन हो सकते है। उनकी यहीं परेशानी बुधवार शाम ग्राम पंचायत पलसोड़ी में हुई पत्रिका चेंजमेकर के जनएजेंडा की बैठक में सामने आई।
पत्रिका के चेंजमेकर डॉ. अभय ओहरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र के छोटे किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या उनकी जमीन की है। सरकार का कहना है कि वह उन्हे मुआवजा देगी लेकिन उसमें उन्हे कोई बहुत ज्यादा राशि नहीं मिलने वाली है। किसानों को जो मुआवजा मिलेगा उतने में वह न तो जमीन खरीद सकेंगे और न कुछ और काम कर सकेंगे। एेसे में यह किसान घर से बेघर जैसे हो जाएंगे। इनके खाने तक के लाले पड़ सकते है, किसानों का कहना है कि उन्हे जमीन के बदले जमीन ही चाहिए।
ये रहे मौजूद

पत्रिका के जनएजेंडा की बैठक में मुख्य रूप से चेंजमेकर डॉ. अभय ओहरी, सरपंच पप्पूलाल मईड़ा, रामलाल मुनिया, शंकरलाल मईड़ा, तोलाराम मईड़ा, शंकर खराड़ी, शंकर गामड़ सहित कई लोग मुख्य रूप से मौजूद थे। बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या व फसल खराब होने पर मुआवजा व फसल बीमा नहीं मिलने की बात पर भी चर्चा हुई।
रतलाम की बैठक में रमेशचंद्र खंडेलवाल, रवींद्रकुमार पाठक, एनपी चतुर्वेदी, जगतनारायण व्यास, केशव वाड़ीकर, विवेक व्यास, रमेशचंद्र ठक्कर, राजपालसिंह चौहान, छतरसिंह सहित अन्य मौजूद रहे। खंडेलवाल ने बताया सभी सर्वानुमति से इस बात पर सहमति जताई कि सभी बिंदुओं बिंदुओं पर प्रमुखता से सामने आया जाए।
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