शहर के लक्ष्मणपुरा निवासी रेलवेकर्मी अनिल बंदोडिय़ा का परिवार बीते कुछ दिनों से नए मकान में अपना सामान शिफ्ट कर रहा था। हनुमान मंदिर वाली गली में उनके पुराने मकान के स्थान पर नया निर्माण कराया गया था। शनिवार को रंगरोगन का कार्य भी चल रहा था। इसी दौरान अनिल का तीन वर्षीय बेटा धैर्य मुख्य द्वार से कुछ दूरी पर बने हौद के पास खेल रहा था। हौद खुला था, धैर्य खेलते-खेलते अचानक उसमें गिर गया। कुछ देर तक धैर्य दिखाई नहीं दिया तो परिवार के सदस्यों ने उसे आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उसकी तलाश शुरू कर दी गई। जब हौद के पास पहुंचे तो वह खुला था, तलाश करने पर धैर्य का शरीर दिखाई दिया। तत्काल उसे बाहर निकाल अस्पताल ले गए, लेकिन जांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पूजन के लिए हौद से जल ले रहे थे सेवानिवृत्त तहसीलदार
पुलिस ने बताया कि शनिवार को सुबह के समय राजबाग निवासी सेवानिवृत्त तहसीलदार ८० वर्षीय शिवकुमार पिता रामप्रसाद यादव नियमित दिनचर्या अनुसार पूजन की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान जब वे बाल्टी लेकर घर में बने होद में से पानी लेने के लिए झुके तो पैर फिसल गया। इसके बाद उनका आधा शरीर पानी में व आधा बाहर रहा। जब देर तक यादव की आवाज परिजन को नहीं आई तो वे इनकी तलाश में घर में घूमे। तब परिजन को वे हौद में नजर आए। इसके बाद परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए। यहां से जिला अस्पताल लेकर जाने की हिदायत दी गई। जिला अस्पताल लेकर आने पर चिकित्सकों ने जांच के बाद यादव को मृत घोषित कर दिया।
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नहीं थम रहा खुले हौद में मौत का सिलसिला
खुले हौद सावधानी का अभाव होने से मौत का कारण बनते जा रहे है। रतलाम जिले में बीते दो माह के दौरान यह छठां घटनाक्रम है। इसके पहले भी विरियाखेड़ी व बरबड़ रोड पर दो घटनाएं हुई है तो जावरा क्षेत्र में दो बालकों की हौद में डूबने से मौत हो गई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में ज्यादातर मामलों में हौद को खुला पाए जाने पर घटना होना प्रमुख कारण रहा है। इसके बाद भी हौद को सुरक्षित बंद रखने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी लापरवाही ने शनिवार को एक और बच्चे की जिंदगी लील ली।