जब रूका बाल विवाह: मासूम बोला पढऩा चाहता हूं, घरवाले करा रहे थे शादी
चाइल्ड लाइन और महिला बाल विकास की टीम ने रुकवाया बाल विवाह

रतलाम। मासूम का बचपन उसकी चंचलता को खत्म करने का सबसे बड़ा षडय़ंत्र पूर्व में बाल विवाह था। बाल विवाह जैसी कुप्रथा ने समाज से आज भी दूरी नहीं बनाई है। रूढि़वादी परंपराओं को कांधे पर रखकर आज भी कई समाज में बचपन में ही मासूमों की मुस्कान छिनकर उनकी शादी करा दी जाती है। कुछ ऐसा ही सैलाना के एक गांव में होने जा रहा था, मगर ऐन वक्त पर चाइल्ड लाइन ने बाल विवाह को रूकवा दिया। जब बच्चे से इस शादी के बारे में पूछा तो उसका कहना था कि वह तो अभी पढऩा चाहता है। जिंदगी में कुछ मुकाम हांसिल करना चाहता है, मगर परिवार वाले शादी करा रहे थे।
सैलाना विकासखंड के गांव मन्यावरी में बाल विवाह होने की सूचना मिलने के बाद चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची और दस्तावेजों का परीक्षण किया। दस्तावेज में दूल्हा नाबालिग निकला। इस पर नाबालिग दूल्हे के साथ ही उसके परिजनों की काउंसलिग टीम ने की और प्रयास करने के बाद यहां हो रहे बाल विवाह को रुकवाने में चाइल्ड लाइन की टीम कामयाब हो गई।
चाइल्ड लाइन के जिला कोआर्डिनेटर प्रेम चौधरी ने बताया चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर शनिवार को सूचना मिली कि गांव मन्यावरी सैलाना का एक बालक का बाल विवाह हो रहा है। चाइल्ड लाइन टीम से मनोहर पाटीदार, दिव्या उपाध्याय और महिला बाल विकास से परियोजना अधिकारी मंजुबा उपाध्याय, पर्यवेक्षक सरोज जरमा, सैलाना पुलिस थाने से आरक्षक धीरेंद्र कुमार, प्रधान आरक्षक अनीता राठौड़ बल के साथ बालक के घर विवाह स्थल गांव मन्यावरी पहुंचे। टीम के पहुंचने के पहले ही सूचना मिलने पर परिजनों ने बालक को सैलाना भेज दिया था। जब परिजनों से बालक के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने पहले तो मना कर दिया कर दिया कि बालक यहां नही और उसकी शादी नही कर रहे है। जब परिवार पर शादी के दुष्परिणाम और बाल विवाह गैर कानूनी है, तो फिर परिजन ने बालक को लेकर आए। बालक के उम्र के दस्तावेज चेक किया तो उसकी उम्र 16 वर्ष 9 महीने निकली। बालक की कॉउंसलिंग की गई तो बालक का कहना था कि उसे शादी नहीं करना है। उसके माता पिता जबरन मेरी शादी कराना चाहते है। वह पढऩा चाहता है। बालक कहना की अगर उसे घर ही छोड़ दिया तो परिजन उसकी शादी कर देंगे। टीम ने मोके पर पंचनामा बनाया और बालक शादी बाद में करने का अंदेशा होने पर बालक को अपने साथ लेकर आ गए। जहां बालक को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने बालक को बाल ग्रह भेजने का आदेश दिया गया।
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