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ये चीता…. बन बैठे बिल्ली

locationरतलामPublished: Feb 03, 2019 11:11:25 am

Submitted by:

Sourabh Pathak

ये चीता…. बन बैठे बिल्ली

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ये चीता…. बन बैठे बिल्ली

रतलाम। शहर सहित जिलेभर में घटित हो रहे गंभीर अपराधों का खुलासा करने में थानों की पुलिस नाकाम हो रही है। अपराधियों का सुराग लगाने में पुलिस का मुखबिर तंत्र पूरी तरह से कमजोर हो गया है। पिछले दिनों जिले में घटित हुए बड़े अपराधों में पुलिस को एक बार भी मुखबिर तंत्र के जरिए लीड या सुराग नहीं मिला है। पुलिस को हर छोटे-बड़े मामले का खुलासा करने के लिए सायबर की मदद लेना पड़ रही है। थाने के जिन जवानों को उनकी बीट का काम सौंपा गया है, वह चीता के नाम से क्षेत्र में घुमते है, लेकिन वे भीगी बिल्ली बनकर रह जाते है।
बिलपांक थाना क्षेत्र के कमेड़ में कुछ दिन पूर्व हुई मदन मालवीय की हत्या के मामले में भी फरार आरोपी हिम्मत पाटीदार को पुलिस ने सायबर की मदद से पकड़ा था। पुलिस घटना के बाद से ही आरोपी की तलाश में जुटी थी लेकिन उसके बारे में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा था। बाद में सायबर की मदद ली और आरोपी का पता चला गया, जिसके बाद पुलिस ने राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के अरनोद में जाकर होरी हनुमान के पास की धर्मशाला से उसे पकड़ लिया था।
नए मोबाइल ने खोला राज
पुलिस इस मामले में हिम्मत पाटीदार का पता भी नहीं लगा सकी थी, लेकिन हिम्मत ने जावरा से नया मोबाइल व सिम कार्ड खरीदकर उसके माध्यम से जब अपने रिश्तेदार को फोन लगाया तो उसे ट्रैक कर लिया गया। थाने सहित अन्य थानों की पुलिस भी इस मामले में आरोपी के बारे में कोई ठोस सुराग हासिल नहीं कर सकी थी।
लगातार बढ़ रही चोरियां, नियंत्रण नहीं
शहर सहित जिलेभर में घर के साथ दुकान व वाहन चोरी से जुड़ी वारदातें बढ़ रही है लेकिन पुलिस है कि इनके आरोपियों का पता नहीं लगा पा रही है। इसके पीछे कारण बदमाशों के नंबर पुलिस के नंबर पुलिस द्वारा ट्रेस नहीं कर पाना है, वरना इन मामलों का भी पुलिस सायबर की मदद से खुलासा कर दे। चोरी रोकने की जिम्मेदारी जिन लोगों पर है, वे न तो चोरी की वारदातों को रोक पा रहे है और न अपराधियों को पकड़ पा रहे है। इसी कारण से हालही में एसपी की समीक्षा में बैठक अधिकारियों को नोटिस भी मिले थे।

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