कलेक्टर ने अभिलेख शुद्धीकरण अभियान की भी समीक्षा की। इसमें बताया कि जिले के ताल आलोट में अच्छा काम होने पर सराहना की। भूमि स्वामी प्रकार में रतलाम तहसील पीछे हैं तो रिक्त भूमि स्वामी मद में पिपलोदा, सैलाना द्वारा अच्छा काम नही किया गया। मूल एवं बटन खसरा में रावटी, जावरा, सैलाना, पिपलौदा का कार्य असंतोषजनक है।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि आगामी बैठक से पूर्व 300 दिवस से ज्यादा की राजस्व शिकायतों का निराकरण कर दिया जाए। बैठक में धारणाधिकार स्वामित्व योजना की भी समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा निर्देश तहसीलदारों को दिए। नजूल निर्वतन की भी समीक्षा की। खनिज पट्टों के भौतिक सत्यापन की समीक्षा भी की गई। इसमें लगभग सभी तहसीलदारों के द्वारा कार्य नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई।