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बधाई हो…आपको बेटा हुआ है…2 हजार रुपए दीजिए…!

locationरतलामPublished: Mar 11, 2021 10:21:33 pm

Submitted by:

sachin trivedi

पत्रिका अभियान…उगाही का जिला अस्पताल, सुधारो हालातप्रसूताओं के साथ जिला अस्पताल में स्टाफ कर रहा अवैध तौर पर राशि की मांग

patrika

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देवास. जिला अस्पताल में उपचार की सुविधाओं को बढ़ाने के दावों के बीच कुछ दृश्य चौंकाने वाले सामने आ रहे हैं। जिला अस्पताल का प्रसूति वार्ड अवैध रूप से उगाही का केन्द्र बनता जा रहा है। बीते एक माह के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में महिला मरीजों व उनके परिजनों को कथित भेंट देना पड़ी है। स्टाफ इनसे बड़ी बेफ्रिकी के साथ राशि की मांग करता है। कहते हैं, बधाई…आपको बेटा हुआ है और 2 हजार रुपए की मांग रख दी जाती है, परिजन भी तमाम परेशानियों को दरकिनार कर आगे की किसी परेशानी और दस्तावेजी खानापूर्ति में अड़चन नहीं आने की सोच रखते हुए मजबूरन राशि दे देते है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर जब सरकार हर तरह की सुविधा दे रही है और स्टाफ को तय वेतन भी मिलता है तो फिर ये कथित उगाही क्यों की जा रही है, हालात कब सुधरेेंगे।
देवास जिला अस्पताल का प्रसूति वार्ड उगाही का वार्ड बन चुका है। यहां लंबे समय से चिकित्सकीय स्टाफ द्वारा प्रसूता महिलाओं से रुपए मांगने की शिकायतें सामने आ रही हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही। बेटा होने पर दो हजार और बेटी होने पर एक हजार रुपए मांगे जाते हैं। गत दिनों कलेक्टर को गई नामजद शिकायत के बाद अब कार्रवाई का इंतजार है कि क्या जिम्मेदार अफसर इस दुर्दशा पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कमेटी बनाने की बात कही है और यह आश्वासन दिया है कि व्यवस्था में सुधार करेंगे। कोई भी पीडि़त व्यक्ति मुझे लिखित शिकायत कर सकता है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड की अव्यवस्थाओं को लेकर गत दिनों शिकायत की गई थी कि किस तरह डॉक्टर रुपए की मांग करती है। वार्डबॉय से लेकर अन्य लोग रुपए मांगते हैं। रुपए न देने पर डॉक्टर रैफर करने की धमकी देती हंै और प्रसूता महिलाओं से दुव्र्यवहार किया जाता है।
पत्रिका स्कैन: निशुल्क का दावा, हर जरूरत पर मांगते राशि
‘पत्रिकाÓ ने जब पड़ताल की तो बेहद चिंताजनक हकीकत दिखी। प्रसूता महिलाओं का वार्ड में बुरा हाल है और गरीब वर्ग की महिलाएं परेशान हैं। महिलाओं का कहना है कि वे इस उम्मीद में जिला अस्पताल में प्रसूति के लिए आती हैं कि निशुल्क इलाज होगा लेकिन यहां बिना रुपए के काम नहीं होता। शिकायत करने पर सुनवाई भी नहीं होती, ऐसे में गरीबों की कौन सुनेगा, उनका इलाज कैसे होगा।
इस तरह उगाही के मामले
1. देना पड़ते हैं हर काम के रुपए
प्रसूति वार्ड में भर्ती एक महिला की ननद ने कहा कि डिलीवरी से लेकर अब तक रुपए देते आ रहे हैं। पलंग पर लेटाने से लेकर पट्टी बांधने तक, कमरा बदलने तक के रुपए लेते हैं। डॉक्टर ऑपरेशन के लिए पैसे मांगती है। बोर्ड पर लिखा है कि निशुल्क है सब लेकिन नीचे से ऊपर तक सब मिले हैं। इस कारण यह सब हो रहा है, कोई देखने वाला नहीं है। खुले रूप से पैसे मांग रहे हैं।
2. पहले ही बता दें रुपए लगेंगे
एकक अन्य महिला ने बताया कि वह रिश्तेदार की डिलीवरी के लिए आई थी। मरीज को छोडऩे से लेकर पट्टी बांधने तक के रुपए मांगे जा रहे। अगर पैसे नहीं दो तो ठीक से इलाज नहीं होता, अभद्रता की जाती है। यहां रुपए मांगे जा रहे हैं, इससे तो अच्छा है कि पहले ही बोल दें कि इतने पैसे लेकर आओ। इस तरह उपचार के दौरान रुपए मांगने से तो जच्चा बच्चा दोनों की परेशानी है।
मैं विजिट करके बनाउंगा कमेटी-सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि यदि इस तरह से शिकायत आ रही है तो मैं निश्चित रूप से जिला चिकित्सालय की विजिट करूंगा। एक कमेटी बना देता हूं जो सुपरविजन करके ध्यान रखेगी। लापरवाही होने पर कार्रवाई भी की जाएगी। सिविल सर्जन को पूर्व में भी इसके लिए कहा जा चुका है कि जिनकी ड्यूटी लेबर रूम में लगी है उनको वहां से हटाकर दूसरों को लगाएं। यदि कोई कह रहा कि शिकायत पर सुनवाई नहीं होती तो मेरे पास आकर लिखित शिकायत करें। मैं उसकी जांच करके कार्रवाई करूंगा। यदि डॉक्टर पैसे मांगते हैं और उनका नाम नहीं पता तो समय बता दें ताकि हम ड्यूटी रजिस्टर देखकर पता लगा लें कि किसकी ड्यूटी थी। हालांकि पहले से सुधार हुआ है लेकिन जो समस्या है उनको भी सुधारेंगे।

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