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LOK SABHA ELECTION 2019 कांग्रेस को बड़ा झटका, AICC सदस्य को कोर्ट ने भेजा दस साल के लिए जेल, ये है इसका कारण

locationरतलामPublished: Mar 31, 2019 11:02:05 am

Submitted by:

Ashish Pathak

LOK SABHA ELECTION 2019 कांग्रेस को बड़ा झटका, AICC सदस्य को कोर्ट ने भेजा दस साल के लिए जेल, ये है इसका कारण

CONGRESS LATETST ELECTION 2019 NEWS

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रतलाम। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले रतलाम मध्यप्रदेश में कांगे्रस को बड़ा झटका लगा है। अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी के सदस्य व बडे़ किसान नेता डीपी धाकड़ को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। धाकड़ को एक पुराने मामले में धोखाधड़ी करने के मामले में जेल भेजा गया है। जिस व्यक्ति के साथ ये गलत काम कांगे्रस नेता ने किया, वो व्यक्ति रतलाम की वर्तमान महापौर डॉ. सुनीता यार्दे का करीबी रिश्तेदार है। बता दे कि धाकड़ मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में तब आए थे, जब रतलाम से इसने डेलनपुर में आंदोलन की शुरुआत की थी।
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जिस जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ उर्फ दुर्गाप्रसाद धाकड़ को कोर्ट ने धोखाधड़ी के जिस मामले में सजा सुनाई है उसकी कहानी काफी रोचक है। महापौर सुनीता यार्दे के यार्दे नर्सिंग होम में डीपी बतौर कंपाउंडर के रूप में 1992-93 में काम करने आया था। उस समय डीपी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। डॉ. उदय यार्दे के पिता और महापौर डॉ. सुनीता यार्दे के ससुर डॉ. मधुकर यार्दे ने उसे अपने यहां काम पर रखा तो पूरी इमानदारी और तल्लीनता से धाकड़ ने काम दिया। उस समय आयु करीब 20-22 साल की थी। उसने यार्दे परिवार का विश्वास हासिल किया तो यार्दे परिवार ने उस पर इतना विश्वास किया कि रहने के लिए रतलाम में ही मकान दिलवा दिया। यही नहीं उसे वाहन भी उपलब्ध करवाया। वह नर्सिंग होम से लेकर उनके खेत तक संभालने लगा था। इसी इमानदार छवि के सहारे उसने साजिश रची, वह धीरे-धीरे सामने आई। उसने परिवार के साथ बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया।
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कोर्ट में साबित हुआ अपराध
डॉ. यार्दे परिवार के अनुसार कंपाउंडरी करने के साथ ही गांवों में परिवार की जमीन की देखभाल का काम भी डीपी को ही सौंप रखा था। इसमें भी उसने उस समय पूरी इमानदारी से काम किया लेकिन ट्रैक्टर के फर्जी बिक्री अनुबंध करके कहीं चलाने और उसके बदले आने वाली राशि हजम कर जाने का मामला सामने आने के बाद यार्दे परिवार को बड़ा झटका लगा। उन्हें इस बात पर विश्वास भी नहीं हुआ कि उनके विश्वस्नीय धाकड़ इतना बड़ा धोखा कर दिया। परिवार के मुखिया डॉ. उदय यार्दे ने बताया कि हमने उससे कोई भेदभाव नहीं रखा और न ही उसकी इमानदारी पर कभी कोई शक किया लेकिन जो किया वह बहुत गलत किया था। वे कोर्ट में गए थे और न्याय पर पूरा भरोसा था जो अंतत: उन्हें डीपी धाकड़ को सजा के रूप में मिला।
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