BREAKING मध्यप्रदेश के इस कांगे्रसी सांसद ने कहा सवर्णो को…भाजपा में हड़कंप
Congress MP From Madhya Pradesh Hindi News
रतलाम। एक तरफ देशभर में एससीएसटी एक्ट को लेकर माहेाल गर्म है व बंद का आयोजन ६ सितंबर को किया गया है, दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में कांगे्रस के वरिष्ठ सांसद कांतिलाल भूरिया ने सवर्णो के बारे में एक बयान देकर चर्चा में आ गए है। भूरिया के बयान के बाद राजनीति गर्मा गई है। बड़ी बात ये है कि भूरिया ने बयान एेसे समय दिया है, जब एक दिन बाद 6 सितंबर को बंद का आयोजन रखा गया है। भूरिया ने सवर्णो के साथ खडे़ होकर आंदोलन करने वालों को खुश कर दिया है।
देशभर में हो रहे एससीएसटी एक्ट के विरोध में स्वर मध्यप्रदेश में कांगे्रस के वरिष्ठ सांसद कांतिलाल भूरिया ने भी मिलाए है। भूरिया ने कहा है आंदोलन करने वालों का साथ देते हुए सवर्णो को भी आरक्षण देने का समर्थन कर दिया है। रतलाम के सांसद के इस बयान के बाद भाजपा की मुश्किले बढ़ गई है, भूरिया का ये बयान तब आया है, जब 12 सिंतबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रतलाम जिले में किसान यात्रा करने आ रहे है।
आरक्षण मिलना चाहिए एससी एसटी एक्ट को लेकर देशभर में हो रहे विरोध में अब विपक्षी दलों के नेताओं के भी बयान आने शुरू हो गए है। मनमोहनसिंह सरकार में मंत्री रहे व रतलाम के कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया ने सवर्णों के लिए आरक्षण की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए। रतलाम में बुधवार को बंद करने वालों ने दिनभर जिले में अलग-अलग स्थान पर बैठक की है। इन बैठकों में नामली में जिला कांगे्रस अध्यक्ष राजेश भरावा सहित अन्य स्थान पर हुई बैठक में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए है। एेसे में अचानक से सांसद भूरिया के बयान में राजनीति में बवाल खड़ा कर दिया है। अब भाजपा के पास फिलहाल इस बयान का कोई तोड़ अब तक नहीं तलाशा जा सका है।
खुलकर समर्थन किया कांग्रेस सांसद ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता के लिए बीजेपी आपस में लड़ाने का कार्य शुरू से करती आई है। भूरिया यही तक नहीं रुके है। उन्होंने सपाक्स के द्वारा 6 सितंबर को किए जा रहे बंद का खुलकर समर्थन किया है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने आंदोलन करने वालों से शांति बनाए रखने की अपील की है। बता दे कि रतलाम सहित पूरे देश में हो रहे एससीएसटी एक्ट को लेकर विरोध में अब नेताओं के भी बयान सामने आने लगे हैं। वहीं इस मामले में अब तक सरकार ने चुप्पी साध रखी है। एमपी में गुरूवार को कई सवर्ण संगठनों ने बंद का ऐलान किया है।