रतलाम

सूत्र सेवा के ठेकेदार प्रशासन को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती

– सिटी बस के टेंडर निरस्ती के बाद अब ठेकेदार ले रहे कानूनी सलाह

रतलामOct 19, 2019 / 12:27 pm

Sourabh Pathak

सूत्र सेवा: सड़कों पर बसें दौडऩे से पहले ही लगा आपत्ति का ब्रेक


रतलाम। सिटी बस संचालन को लेकर प्रशासन द्वारा ठेकेदार फर्म का ठेका निरस्त किए जाने के बाद अब मामला और गरमा गया है। प्रशासन के द्वारा ठेका निरस्ती की कार्रवाई के बाद अब फर्म संचालक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वे कानूनी सलाह ले रहे हैं। जल्द ही फर्म से जुड़े लोग अपनी ओर से प्रशासन के खिलाफ उच्च न्यायालाय में वाद दायर करेंगे।
ठेकेदार फर्म की मानें तो प्रशासन ने ठेका निरस्त कर मनमानी पर उतारू होकर एक तरफा कार्रवाई की है। जहां तक बात करे परफॉर्मेंस गारंटी की है तो उक्त राशि का एक बड़ा हिस्सा उनका शासन के खाते में पूर्व से ही जमा है। प्रशासन द्वारा 30 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं, जबकि 22 लाख रुपए का हिसाब बन रहा है। एेसे में आठ लाख रुपए अधिक किस हिसाब से जोड़े गए हैं, इसकी जानकारी कोई भी व्यक्ति देने को तैयार नहीं है। इसी बात को लेकर प्रशासन से उनकी अनबन हुई थी।
12 गाड़ी लगाना थी
प्रोजेक्ट के तहत 12 गाडि़यां लगाना थी। फर्म द्वारा द्वारा 4 गाडि़यां लाकर शहर में सुविधा की शुरुआत करने की तैयारी भी करीब एक वर्ष पूर्व कर ली गई थी लेकिन विधानसभा चुनाव के आ जाने से सारी योजना तब से लेकर अब तक धरी के धरी रह गई। ठेकेदारों की मानें तो उनके द्वारा जमा कराई गई राशि में से करीब ढ़ाई लाख रुपए पूर्व से ही प्रशासन के पास जमा है लेकिन प्रशासन उसे भूल गया। इस संबंध में जब प्रशासन को फर्म ने नोटिस थमाया तो ताबड़तोड़ प्रशासन ने फर्म को नोटिस जारी कर उससे ही जवाब मांग लिया।
प्रशासन का ये था तर्क
प्रशासन का तर्क था कि प्रक्रिया के शुरू होने पर निगम व प्रशासन का कहना था कि दोनों रूट पर 6-6 बसें चलाना थी लेकिन ठेकेदार द्वारा 4 बस लाकर उन्हें चलाने की अनुमति मांगी थी, जो निरस्त कर दी। बाद में प्रशासन ने 4 बसे चलाने की शुरुआत करने के पूर्व परफार्मेंस गारंटी की राशि 9 लाख 36 हजार रुपए जमा कराने के निर्देश जारी किए थे, इसके संबंध में फर्म को नोटिस भी जारी किए गए लेकिन फर्म ने राशि जमा नहीं कराई जिसके चलते प्रक्रिया निरस्त की गई है।
इनका कहना है
हाईकोर्ट में लगाएंगे प्रकरण
प्रशासन ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए टेंडर निरस्त करने का काम किया है, इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करेंगे। परफार्मेंस गारंटी की राशि के संबंध में हमारे द्वारा प्रशासन को कई बार सही जानकारी देने की बात कही थी लेकिन प्रशासन ने नहीं दी। प्रशासन का कहना था कि ३० लाख करीब राशि जमा कराना होगी, जबकि राशि २२ लाख बनती है। अधिक राशि किस चीज की मांग रहे थे, इसका जवाब नहीं दिया जा रहा था।
प्रदीप छिपानी, ठेका फर्म के संचालक

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