यात्री ट्रेन से राजस्थान जाने वाले यात्रियों के लिए राजस्थान सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए 72 घंटे पूर्व कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है। इससे अब रेल मंडल में कोटा से लेकर महावीर जी व चित्तौडग़ढ़ से लेकर उदयपुर व जयपुर सहित अजमेर जाने वाले यात्रियों के सामने नई परेशानी खड़ी हो गई है।
जबलपुर में कोरोना
रतलाम. यात्री ट्रेन से राजस्थान जाने वाले यात्रियों के लिए राजस्थान सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए 72 घंटे पूर्व कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है। इससे अब रेल मंडल में कोटा से लेकर महावीर जी व चित्तौडग़ढ़ से लेकर उदयपुर व जयपुर सहित अजमेर जाने वाले यात्रियों के सामने नई परेशानी खड़ी हो गई है। बड़ी समस्या यह है कि ट्रेन को लेकर रेल चालक व गार्ड सहित टिकट निरीक्षक भी जाते है। अब इनको भी कोरोना का टेस्ट कराना जरूरी हो गया है।
रेलवे ने हाल ही में आदेश जारी किया है। इस आदेश में राजस्थन सरकार के गृह सचिव एनएल मीणा के हवाले से बताया गया है कि महाराष्ट्र व केरल राज्य के साथ साथ अब गुजरात, पंजाब, हरियाणा मध्यप्रदेश से आने वाले यात्रियों को आरटी-पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है। इसके लिए यात्रियों को यात्रा करने से कम से कम 72 घंटे पूर्व की कोरोना जांच की रिपोर्ट साथ लेकर चलना होगा। अगर यात्री के पास यह नहीं पाई जाती है तो उसको क्वारटाइंन कर दिया जाएगा। अर्थात कम से कम 7 दिन व अधिकतम 14 दिन यात्री अपने गंतव्य के बजाए क्वारटाइंन रहेगा।
चालक व गार्ड को समस्या राजस्थान सरकार ने यात्रियों के लिए तो यह किया ही है इसके साथ साथ अब परेशानी रेलवे कर्मचारियों के लिए हो गई है। आदेश के अनुसार जो भी राजस्थान आएगा उसको अपने साथ कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। ऐसे में चालक व गार्ड सहित टिकट निरीक्षक के सामने परेशानी यह है कि उनकी ड्यूटी बार बार लगती है, तो उनको हर बार यह रिपोर्ट लेना होगी। क्योंकि रेल मंडल में रनिंग कर्मचारियों की ड्यूटी कोटा, चित्तौडग़ढ़, अजमेर, उदयपुर, जयपुर तक लगती है।
नियम का पालन सभी को करना कोरोना को देखते हुए जो नए आदेश जारी किए गए है, उसके अनुसार नियम का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। – जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल