पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शहर के न्यू रोड स्थित एक बिग बाजार का कर्मचारी बीमारी की हालत में शनिवार को दिन में अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उसे कोरोना संदिग्ध मानकर उसका सेंपल लिया था और रातभर वह अस्पताल में ही भर्ती रहा। यहीं पर उसका इलाज चल रहा था कि सुबह उसकी मृत्यु हो गई। जांच के बाद पता चलेगा कि वह कोरोना पाजिटिव था या निगेटिव। दूसरी मौत ईश्वरनगर की एक किशोरी की हुई जिसे सांस की तकलीफ होने पर शनिवार की दोपहर को भर्ती कराया था। रात में ही उसकी मौत हो गई। किशोरी को एसिड पीने से करीब दो माह पहले जिला अस्पताल में भर्ती किया जाकर इलाज किया गया था। दोबारा तबीयत खराब होने पर शनिवार को भर्ती किया गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल में कोरोना संदिग्थ के प्रोटोकॉल के तहत इनके शवों को पूरी तरह पैक करके इनका अंतिम संस्कार पुलिस और अस्पताल के डॉक्टर की मौजूदगी में किया गया।
अस्पताल में इमरजेंसी में टूट रहे नियम
शहर के सभी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम के स्टाफ की स्क्रीनिंग करके बुलवाई गई जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंच गई है। बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाले युवक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी को उनके यहां के स्टाफ की स्क्रीनिंग कर जानकारी बुलवाई गई थी। वहीं दूसरी ओर दो और लोगों की संदिग्ध मौत से स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गई है, जिसके चलते दोनों शवों का अंतिम संस्कार कोविड नियमों के तहत किया गया है।
जिला अस्पताल में रविवार दोपहर इमरजेंसी ओपीडी में यहां उपचार के लिए आए मरीज व उनके परिजन सोशल डिस्टेंस को भूलकर एक-दूसरे के पास भीड़ लगाकर खडे़ हो गए। इन लोगों को एक-दूसरे से दूर खड़ा करवाने के लिए यहां पर सुरक्षा गार्ड भी नहीं था। वहीं चिकित्सक द्वारा निर्देश दिए जाने पर ये लोग भी सुनने को तैयार नहीं थे।