जर्मनी से आया रतलाम राजवंश के वंशज: कोरोना वायरस की नहीं हो सकी जांच
कोरोना वायरस को लेकर मेडिकल कॉलेज में हुई लाइव वीडियो कॉन्फ्रेसिंग

रतलाम। कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतने वाला स्वास्थ्य विभाग का अमला शुक्रवार को भी राजवंश के परिवार के सदस्यों से स्वास्थ्य संबंधी सत्यापन नहीं कर सका। उक्त परिवार के दिनभर की व्यस्तता और स्वास्थ्य विभाग के अमले का कोरोना वायरस के संबंध में हुई बैठक के चलते टीम भी सुबह से शाम तक मेडिकल कॉलेज में उलझी रही। कॉलेज में डीन डॉ संजय दीक्षित की अध्यक्षता में कोरोना वाइरस से बचाव और नियंत्रण के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा लाइव वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का आयोजन हुआ।
उक्त कॉन्फ्रेसिंग केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा नेशनल ट्रेनिंग ऑफ टे्रनर्स कोविड-19 के अंतर्गत आयोजित की गई। इसमें दिल्ली से विभिन्न चिकित्सकों द्वारा ये लेक्चर लिए गए और इसका सीधा प्रसारण किया गया। इसमें कोरोना वाइरस से बचाव नियंत्रण और संक्रमित मरीजों के उपचार और रोकथाम संबंधी जानकारी दी गई। रतलाम मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के 100 से अधिक चिकित्सक इसमें मौजूद थे। कॉन्फ्रेसिंग सुबह 9 से शाम 5 बजे तक चली।
कॉलेज में वार्ड तैयार
कोरोना से लडऩे की तैयारी के चलते मेडिकल कॉलेज में महिला व पुरुष वार्ड के साथ ही एक आइसोलेशन वार्ड भी अतिरिक्त रूप से तैयार किया गया है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीजों के लिए अलग सके ओपीडी की भी शुरुआत कर दी गई है। अब यहीं पर इन बीमारी के मरीजों की पर्ची बनाने की तैयारी भी की जा रही है।
सुबह माता नागणेचा की आरती, शाम को पूर्वजों को श्रद्धासुमन अर्पित किए
रतलाम के पूर्व महाराजा सज्जनसिंह की पोती व पूर्व महाराजा रणवीरसिंह की बेटी लक्ष्मीकुमारी राठौड़ अपने पुत्र मार्क के साथ गुरुवार को रतलाम पहुंची। शुक्रवार सुबह 11 बजे वे पैलेस में पहुंची। जहां पर राठौड़ राजवंश की कुुलदेवी नागणेचा माता की पूजा अर्चना के बाद आरती की। इसके बाद उन्होंने पैलेस का निरीक्षण किया। इस दौरान कई ंस्थानों पर भवनों की जर्जर स्थिति को लेकर दु:खी भी हुई, तो कुछ स्थानों को देखकर उत्साहित हुई। उन्होंने अपने पूर्वजों के रहन-सहन व पैलेस के बारे में संपूर्ण जानकारी दिग्विजयसिंह राठौर बडछापरा और धीरेंद्रसिंह सरवन ने दी। इसके बाद शाम को रत्नेश्वर स्थित राठौड़ राजवंश के शिवबाग पहुंची। जहां पर स्थित पूर्वजों की छत्रियों को देखा। इस दौरान अपने पिता की छत्री पर पहुंचकर भावुक हो गई। उन्होंने पूर्वजों की सभी छत्रियों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए आशीर्वाद लिया। इस दौरान सक्तावत परिवार द्वारा उनका स्वागत सत्कार किया गया। बड़छापरा ने बताया कि वे शनिवार को लक्ष्मी भवन व अन्य स्थानों पर जाएंगी।
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