विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट प्रेमलता मंडलोई ने बताया कि घटना 2019 की है। वृद्ध महिला अपने लडक़े व आठ साल की पोती (अभियोक्त्री) के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट लिखाई थी कि 15 मई 19 की सुबह 5 बजे मेरे परिवार का भतीजा घर आया और मुझसे बोला कि भाभी, मेरी बहन की हल्दी लेने रावटी जा रहा हूं। वह 8 साल की नाबालिक को भी अपने साथ ले जा रहा है। पौती शाम को वापस शाम को घर आई तो वह पोती रोने लगी। पूछा तो उसने बताया कि मामा ने उसके साथ गलत काम किया है। पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया जहां से उसे उक्त सजा से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल एवं विशेष लोक अभियोजक प्रेमलता मंडलोई द्वारा किया गया।
गवाह पलट गए थे केस में
रावटी पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में केस पंजीबद्ध किया। विवेचना के दौरान पुलिस ने अभियोक्त्री का मेडिकल परीक्षण कराया गया। नक्शा मौका, साक्षीगण के कथन, आरोपी की गिरफ्तारी, वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किए गए। सम्पूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त विरूद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम के समक्ष धारा 376एबी, 376(2)भादवि एवं धारा 5(एम)(एन)/6 पॉक्सो एक्ट प्रस्तुत किया गया हैं। पीडि़ता के कथनों उपरांत आरोपी एवं पीडि़ता के माता पिता एवं अन्य परिजनों के मध्य राजीनामा हो गया जिसके उपरांत अभियोक्त्री के माता-पिता तथा उसकी दादी प्रकरण में पक्षविरोधी हो गए थे। अभियोजन ने वैज्ञानिक साक्षी का परीक्षण कराया। इसका स्पष्टीकरण कराया गया। परीक्षण में यह स्पष्ट हो गया कि घटना हुई है। इस पर न्यायालय के समक्ष विभिन्न दृष्टांत प्रस्तुत किए गए।
रावटी पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में केस पंजीबद्ध किया। विवेचना के दौरान पुलिस ने अभियोक्त्री का मेडिकल परीक्षण कराया गया। नक्शा मौका, साक्षीगण के कथन, आरोपी की गिरफ्तारी, वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किए गए। सम्पूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त विरूद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम के समक्ष धारा 376एबी, 376(2)भादवि एवं धारा 5(एम)(एन)/6 पॉक्सो एक्ट प्रस्तुत किया गया हैं। पीडि़ता के कथनों उपरांत आरोपी एवं पीडि़ता के माता पिता एवं अन्य परिजनों के मध्य राजीनामा हो गया जिसके उपरांत अभियोक्त्री के माता-पिता तथा उसकी दादी प्रकरण में पक्षविरोधी हो गए थे। अभियोजन ने वैज्ञानिक साक्षी का परीक्षण कराया। इसका स्पष्टीकरण कराया गया। परीक्षण में यह स्पष्ट हो गया कि घटना हुई है। इस पर न्यायालय के समक्ष विभिन्न दृष्टांत प्रस्तुत किए गए।