पुलिस की माने तो आरोपी युवकों का कहना था कि वह कोरियर का काम करते है और कमीशन पर सामान लाते है। उनके द्वारा पुलिस के समक्ष कुछ बिल भी प्रस्तुत किए गए, लेकिन बिल में यह उल्लेख नहीं था कि कौन सा माल कहां से आया है और किसने खरीदा है। पुलिस ने जब दोनों से माल कहां से लेकर आने की बात पूछी तो इनके द्वारा आभूषण इंदौर से लाना बताया गया, लेकिन लाए किससे इसकी जानकारी वह नहीं दे सके। वहीं रतलाम में माल किसे देना था, ये भी उनके द्वारा नहीं बताया गया। एेसे में पुलिस ने माल चोरी का होने की शंका जताते हुए जब्त कर दोनों युवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जब्त बिलों में एक बिल हर्षिता ज्वैलर्स इंदौर के नाम का है, जिसके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।
पकड़े गए युवकों को पुलिस ने शुक्रवार दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया था। जहां पर उनके द्वारा जमानत के लिए आवेदन लगाया गया, जो कि न्यायालय ने खारिज कर दिया। आवेदन खारिज होने के पीछे कारण बताया गया कि बिल देखने से यह स्पष्ट नहीं हो रहा कि जो बिल पेश किया गया है, वह इन्हीं जेवरों का है। वही जब्त आभूषणों से बिल मेल भी नहीं खा रहे है और माल कहां से लाए थे और कहां ले जा रहे थे। यह भी नहीं बताया गया। एेसे में आरोपियों को झूठा फंसाया जाने की बात को न्यायालय ने नकारा और जमानत का आवेदन खारिज कर २६ जून तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।
पुलिस द्वारा जब्त किए गए आभूषणों में सोने की ८० अंगूठी, ७४ जोड़ कान के टॉप्स, ३५ कान के झूमके जब्त किए। वहीं चांदी के आभूषणों में ८ सिल्लियां करीब ४.६०० किग्रा, कडि़यों का गुच्छा १.५२७ किग्रा, बिना कटी चेन तीन गुच्छे ४.३९१ किग्रा, चांदी की २३६ जोड़ पायजेप २६.१२१, १७.७३५ किग्रा, ८.५०४ किग्रा चांदी के जेवर व आभूषणों के साथ ही अलग-अलग बैगों से चांदी की कुछ अन्य सामग्री भी बरामद की गई है। देर रात पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान थाना प्रभारी नरेंद्र यादव, एसआई जितेंद्र चौहान, आरक्षक दिलीप शर्मा, महेश व जितेंद्र शामिल रहे।