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जिंदा को नाम के आगे उर्फ लगाकर बता दिया मरा

locationरतलामPublished: Jul 19, 2018 09:10:05 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

जिंदा को नाम के आगे उर्फ लगाकर बता दिया मरा

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जिंदा को नाम के आगे उर्फ लगाकर बता दिया मरा


रतलाम। जनपद पंचायत रतलाम की ग्राम पंचायत बारोड़ा के तत्कालीन सरपंच द्वारा जिंदा को मरा बताकर आर्थिक लाभ लेने का मामला सामने आया है। इस बात का खुलासा जिला पंचायत की जांच में भी हुआ है, जिसके बाद जिपं के मुख्य कार्य पालन अधिकारी ने शासकीय दस्तावेज में छेड़छाड़ के मामले में तत्कालीन सरपंच व भाई की पत्नी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है।
तत्कालीन सरपंच कारूलाल धाकड़ व हादसे में मारे गए उसके भाई बाबूलाल की पत्नी के खिलाफ शिकायत नामली निवासी बंकटलाल डाबी ने की थी, जिसकी जांच जिपं सीईओ सोमेश मिश्रा ने कराई थी। डाबी ने शिकायत में बताया कि बारोड़ा के तत्कालीन सरपंच कारूलाल का भाई बाबूलाल पिता जगन्नाथ धाकड़ की मृत्यु बारोड़ा की रपट पर पानी आने से १ अगस्त २०१० को बाइक सहित बह जाने से हुई थी। बाबूलाल इप्का कंपनी में दूसरे के नाम से काम करता था, जिससे उसकी मौत पर कंपनी से आर्थिक लाभ लेने के लिए इनके द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया था।
एेसे की गड़बड़ी
कारूलाल व उसके भाई की पत्नी प्रेमलताबाई ने जांच अधिकारी को बताया था कि उक्त हादसे में सुशील उर्फ बाबूलाल पिता शिवलाल उर्फ जगन्नाथ धाकड़ की मृत्यु रपट पर बाइक के साथ बहने से हुई थी। मृतक के भाई व पत्नी से उनके कथनों के अनुसार जांच पूछताछ में जब बाबूलाल पिता जगन्नाथ दोनों नाम के आगे लगे उर्फ व दूसरे नाम के संबंध में दस्तावेज मांगे तो वह पेश नहीं कर सके। वहीं इप्का कंपनी से जांच के दौरान सुशील धाकड़ की मौत पर उसे राशि दिए जाने की बात बताई।
रुपयों के लिए की काट-छाट
जांच अधिकारी ने पाया कि बारोड़ा निवासी सुशील पिता शिवलाल के नाम से फर्जी तरीके से काट-छाट कर इप्का से मिलने वाले रुपए के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया था। सूत्रों की माने तो जिस सुशील के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर राशि निकाली गई है, उसके दस्तावेज घुम गए थे, संभवत: वह इन्हे मिलने पर उसके नाम से बाबूलाल ने नौकरी तो पा ली, लेकिन उसकी मृत्यु होने पर कंपनी से मिलने वाले रुपयों के लिए भाई ने ये सब गड़बड़ी की थी।
आर्थिक लाभ लेने के लिए किया
जिला पंचायत ने मामले की जांच कर पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए भेजे गए जांच प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि आर्थिक लाभ लेने के लिए यह सब किया गया था, जबकि सुशील अब भी जिंदा है। सीईओ ने एसपी से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है।

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