वहीं दूसरी ओर मृतक राकेश के विजय का आरोप है कि गोली पंकज ने ही चलाई है, जबकि पंकज पुलिस को गोली नीरज सांखला के द्वारा चलाए जाने की बात कह रहा है। घटना की सूचना के बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उसे घटनास्थल पर राकेश का खून से लथपथ शव पड़ा मिला। घटनास्थल पर पार्टी के समय करीब 8 से 10 लोग होना बताए जा रहे हैं। सभी लोग यहां पर नशा कर मौज मस्ती कर रहे थे। यहां पार्टी में आने के दौरान नीरज अपने साथ कट्टा भी लेकर आया था जिसे चलाकर देखने के दौरान गोली चलना बताई जा रही है।
सिर में लगी गोली
कट्टे से जब गोली चली तो कुछ दूर पर बैठे राकेश के सिर में लगी और आर पार हो गई। घटना की सूचना के बाद पुलिस के आला अधिकारियों के साथ एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंची और घटना से जुड़े साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस प्रारंभिक रूप से विजय के बयानों के आधार पर पंकज पडियार व नीरज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। नीरज, हिंदूवादी नेता रहे तरुण सांखला का भाई है, जिसकी हत्या सितंबर 2017 में गोली मारकर कर दी गई थी।
कट्टे से जब गोली चली तो कुछ दूर पर बैठे राकेश के सिर में लगी और आर पार हो गई। घटना की सूचना के बाद पुलिस के आला अधिकारियों के साथ एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंची और घटना से जुड़े साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस प्रारंभिक रूप से विजय के बयानों के आधार पर पंकज पडियार व नीरज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। नीरज, हिंदूवादी नेता रहे तरुण सांखला का भाई है, जिसकी हत्या सितंबर 2017 में गोली मारकर कर दी गई थी।
नेताओं व दोस्तों का लगा जमावड़ा
घटना की सूचना के बाद पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए। देर रात सूचना के बाद जनप्रतिनिधियों का भी थाने पर जमावड़ा लगने लगा था। वहीं पंकज के परिजन सहित उससे जुड़े लोग भी थाने पहुंच गए थे। उसके साथियों का भी यहीं कहना था कि गोली नीरज से चली है, वह भी गलती से चली। उनका उद्देश्य किसी को मारने का नहीं था, यह सब एकाएक हो गया।