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पुलिस को चकमा देकर भागे 18 मामलों के आरोपी बंटी लाला को पुलिस ने जयपुर से किया गिरफ्तार

locationरतलामPublished: Oct 27, 2018 12:17:47 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

पुलिस को चकमा देकर भागे 18 मामलों के आरोपी बंटी लाला को पुलिस ने जयपुर से किया गिरफ्तार

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पुलिस को चकमा देकर भागे 18 मामलों के आरोपी बंटी लाला को पुलिस ने जयपुर से किया गिरफ्तार

रतलाम। जावरा जेल से रतलाम पेशी पर लाए जाने के दौरान पुलिस को चकमा देकर भागे बंटी लाला उर्फ महिपाल सिंह को पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शुक्रवार को उसे न्यायालय में पेश किया, यहां पूछताछ के लिए पुलिस ने रिमांड मांगा, जो 1 नवंबर तक का मिला है। प्रकरण में पुलिस ने आरोपी की पत्नी, बेटी, अभिभाषक सहित तीन अन्य को भी आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है। बंटी लाला की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने देर शाम पुलिस नियंत्रण कक्ष पर प्रेसवार्ता आयोजित की।
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि 23 अक्टूबर को बंटी के जयपुर में छिपे होने की सूचना मिली थी, जिस पर टीम बनाकर भेजा गया था। जयपुर में 24 व 25 तारीख को टीम जयपुर में निर्माण नगर व आस-पास के क्षेत्र में उसकी तलाश में जुटी रही। इस बीच निर्माण नगर में उसके नजर आने पर उसका पीछा किया गया। उसके घर का पता चलने के बाद पुलिस ने स्थानीय पुलिस को सूचना देने के साथ ही देर रात जहां वह रूका था, वहां पर दबिश देकर उसे पकड़ा और रात में ही रतलाम के लिए निकल गई। पुलिस की माने तो रतलाम आने के दौरान भी बंटी ने रास्ते में भागने का प्रयास किया था।
किसी ने दिया सामान तो किसी ने पनाहपुलिस ने बंटी के भागने में उसका सहयोग करने की बात कहते हुए छह अन्य लोगों को भी आरोपी बनाकर उन्हे गिरफ्तार किया है। पुलिस की माने तो बंटी के इंदौर स्थित फ्लैट में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच के दौरान बंटी की पत्नी सरिताबाई व पुत्री यशस्वीनी द्वारा लोकेंद्रसिंह उर्फ गोल्डी को बैंग में बंटी की जरूरत का सामान रखकर दिया था। लोकेंद्र ने बैग देवास में पेट्रोल पंप मालिक राजेश परमार को दिया था। राजेश ने बैग बंटी को देकर उज्जैन के पिपलौदा द्वारकाधीश में राजपालसिंह के यहां छोड़ा था। बंटी यहां दो दिन रूका और तीसरे दिन उसे बीसाखेड़ी छुड़वाकर भागने में इनके द्वारा मदद की। इसी कारण से इन सब को भी आरोपी बनाया गया है।
18 मामले है दर्ज
बंटी पर कुल 18 मामले दर्ज है, इनमें से 12 प्रकरण ताल थाना क्षेत्र के है, एक आलोट, एक थाना स्टेशन रोड, तीन जावरा औद्योगिक क्षेत्र, एक प्रकरण उज्जैन माधव नगर थाने पर दर्ज है। अधिकांश मामले मारपीट की घटना व बलवे के है। वहीं तीन प्रकरण एनडीपीएस एक्ट के व एक मामला पुलिस को चकमा देकर भागने का है। बंटी की गिरफ्तारी के बीच पुलिस को सूचना मिली कि जिस दिन वह जेल से बाहर आया था, उस दिन उसके हाथ में एक मोबाइल फोन भी था। वहीं जेल से बाहर निकल वह अभिभाषक की कार से रतलाम पहुंचा था और यहां न्यायालय न आते हुए वह भाग गया।
टीम को मिला पुरस्कार
पुलिस की माने तो बंटी की गिरफ्तारी के लिए बनाई गई विशेष टीम में एएसपी प्रदीप शर्मा, सीएसपी जावरा आशुतोष बागरी, जावरा शहर थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा, एसआई विरेंद्र बंदेवार, हिमांशु भार्गव, सुरेश गोयल, प्रधान आरक्षक लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, आरक्षक मनमोहन शर्मा, हिम्मत सिंह, विपुल भावसार, रवि कुमार, चंद्रकांत व रितेश सिंह को टीम में शामिल किया गया था। एसपी ने बेहतर काम कर आरोपी को पकडऩे वाली इस टीम को दस हजार रुपए का पुरस्कार देने की बात कही है।
कई लोगों की भूमिका संदेहास्पद
एसपी की माने तो बंटी लाला के भागने में मदद करने वालों में कई और लोगों की भूमिका भी संदेहास्पद है। पुलिस को सूचना मिली थी कि बंटी जेल से भाग सकता है। इसके लिए जेल शिफ्ट करने के लिए आवेदन भी दिया था, जिस पर उसे जिला न्यायालय में शिफ्ट किया जाना था, लेकिन समय रहते यह नहीं किया गया। एेसे में जेल स्टाफ के साथ पुलिस के कुछ लोगों सहित अन्य लोगों की भूमिका भी शंका के घेरे में है, उन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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