बंटी पर कुल 18 मामले दर्ज है, इनमें से 12 प्रकरण ताल थाना क्षेत्र के है, एक आलोट, एक थाना स्टेशन रोड, तीन जावरा औद्योगिक क्षेत्र, एक प्रकरण उज्जैन माधव नगर थाने पर दर्ज है। अधिकांश मामले मारपीट की घटना व बलवे के है। वहीं तीन प्रकरण एनडीपीएस एक्ट के व एक मामला पुलिस को चकमा देकर भागने का है। बंटी की गिरफ्तारी के बीच पुलिस को सूचना मिली कि जिस दिन वह जेल से बाहर आया था, उस दिन उसके हाथ में एक मोबाइल फोन भी था। वहीं जेल से बाहर निकल वह अभिभाषक की कार से रतलाम पहुंचा था और यहां न्यायालय न आते हुए वह भाग गया।
पुलिस की माने तो बंटी की गिरफ्तारी के लिए बनाई गई विशेष टीम में एएसपी प्रदीप शर्मा, सीएसपी जावरा आशुतोष बागरी, जावरा शहर थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा, एसआई विरेंद्र बंदेवार, हिमांशु भार्गव, सुरेश गोयल, प्रधान आरक्षक लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, आरक्षक मनमोहन शर्मा, हिम्मत सिंह, विपुल भावसार, रवि कुमार, चंद्रकांत व रितेश सिंह को टीम में शामिल किया गया था। एसपी ने बेहतर काम कर आरोपी को पकडऩे वाली इस टीम को दस हजार रुपए का पुरस्कार देने की बात कही है।
एसपी की माने तो बंटी लाला के भागने में मदद करने वालों में कई और लोगों की भूमिका भी संदेहास्पद है। पुलिस को सूचना मिली थी कि बंटी जेल से भाग सकता है। इसके लिए जेल शिफ्ट करने के लिए आवेदन भी दिया था, जिस पर उसे जिला न्यायालय में शिफ्ट किया जाना था, लेकिन समय रहते यह नहीं किया गया। एेसे में जेल स्टाफ के साथ पुलिस के कुछ लोगों सहित अन्य लोगों की भूमिका भी शंका के घेरे में है, उन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।