जिले में एक लाख 5 हजार करीब किसान सहकारिता विभाग से जुड़े है। इनमें से करीब 12 हजार किसान एेसे है जिनके बैंक खाते सोसायटी के अतिरिक्त राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी है। एेसे में एक से अधिक बैंक खाते होने का हवाला देते हुए इन किसानों को सोसायटियों से खाद नहीं मिल रहा है। किसानों की माने तो यदि उनके दो खाते है तो क्या हुआ, वह कोई गलत काम तो नहीं कर रहे है जो उन्हे दो खाते बताकर खाद नहीं दी जा रही है।
https://www.patrika.com/ratlam-news/cm-helpline-300-days-have-passed-but-the-responsibilities-did-not-7186972/हाल-ए-सीएम हेल्पलाइन…..300 दिन बीत गए लेकिन जिम्मेदारों ने शिकायतों का नहीं किया निराकरण 35 हजार किसान ओवर ड्यू सहकारिता विभाग की विभिन्न समिति ओर सोसायटियों से जुड़े करीब 35 हजार किसान एेसे भी है जिनके द्वारा ऋण लेने के बाद समय पर जमा नहीं कर पाने से वह ओवर ड्यू हो गए है, एेसे में उक्त किसानों को भी शासन के नियमों का हवाला देकर खाद उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। एेसे में ओवर ड्यू और दो बैंक खाते वाले १२ हजार किसानों को भी इनमें शामिल कर लिया जाए तो करीब 47 हजार किसानों को सहकारिता से खाद नहीं मिल रही है।
प्रशासन ने माना मिल रही शिकायतें सोसायटियों में खाद का भंडार भरा होने के बाद भी किसानों को निजी दुकानों पर खाद खरीदने के लिए जाना पड़ रहा है, जहां उनकी जेब ढ़ीली हो रही है। इसकी शिकायत प्रशासन तक पहुंच रही है। यह हम नहीं बल्कि स्वयं अधिकारी भी बोल रहे है। अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में उपसंचालक कृषि विजय चौरसिया को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में निजी विक्रेताओं द्वारा अधिक मूल्य पर यूरिया बेचने की शिकायत मिली है। कृषि विभाग ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें और प्रकरण दर्ज करवाएं।
इनका कहना है – जिले में करीब 35 हजार किसान ओवर ड्यू की श्रेणी में आ रहे है और करीब 12 हजार किसानों के दो बैंक खाते होने के कारण से वह सोसायटी से खाद पाने के पात्र नहीं है। कुछ एेसे किसान जिनके द्वारा सोसायटी में भी रकबा दर्शाया गया है, तो उन्हे उतनी मात्रा के हिसाब से खाद मिलेगी।
आलोक जैन, महाप्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, रतलाम