scriptये कैसी जांच: डीजलशेड हादसा में मृत कर्मचारी को ही बताया हादसे का दोषी | Death In Railway | Patrika News

ये कैसी जांच: डीजलशेड हादसा में मृत कर्मचारी को ही बताया हादसे का दोषी

locationरतलामPublished: May 29, 2020 05:43:41 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

ये कैसी जांच: डीजलशेड हादसा में मृत कर्मचारी को ही बताया हादसे का दोषीसेक्शन इंजीनियर को बचाने का आरोप, जीआरपी ने अब तक घटनास्थल का नक्शा नहीं बनाया

ये कैसी जांच: डीजलशेड हादसा में मृत कर्मचारी को ही बताया हादसे का दोषी

ये कैसी जांच: डीजलशेड हादसा में मृत कर्मचारी को ही बताया हादसे का दोषी

रतलाम। रेल मंडल के डीजलशेड में 20 मई को कार्य के दौरान कर्मचारी तौसिफ एहमद की पहले दुर्घटना व बाद में मृत्यु की जांच पूरी हो गई है। इसमें रेलवे के चार अधिकारियों ने जांच करके कर्मचारी को ही दोषी माना है। दुर्घटना के समय जो सेेक्शन इंजीनियर उपस्थित रहे, उनको कोई सजा नहीं दी गई है। अब इससे रेलवे संगठन के नेता नाराज हो गए है। पूरे मामले में दोनों प्रमुख रेल संगठन की चुप्पी रेल कर्मचारियों के गुस्से को बढ़ा रही है।

20 मई को सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक की ड्यूटी पर एहमद कार्य कर रहे थे। दोपहर करीब 1 बजे से 1.30 बजे के बीच हादसा हुआ जिसमें एहमद गंभीर रुप से बिजली के तार के संपर्क में आकर झूलस गए थे। इसके बाद पहले रेलवे अस्पताल व बाद में इनको इंदौर रैफर किया गया था, जहां निजी अस्पताल द्वारा इनको भर्ती करने से इंकार करने के बाद सरकारी अस्पताल एमवाय में भर्ती किया गया था। इसके बाद इलाज के दौरान 24 मई को मृत्यु हो गई थी।

इन्होंने की महाप्रबंधक से जांच की मांग

डीजलशेड में हुए घटनाक्रम के बाद लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संगठन के बीएस सूर्यवंशी के अनुसार सबसे पहले जिम्मेदार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। इसमे जिस अधिकारी ने ड्यूटी इंजन सुधार के लिए लगाई व बिजली में करंट को बंद नहीं किया, सबसे पहले उसको निलंबीत किया जाना चाहिए, जो नहीं किया गया। इसके अलावा डीजलशेड में आरपीएफ की पोस्ट होने के बाद भी आरपीएफ या जीआरपी ने तुरंत मौके का नक्शा नहीं बनाया। मामले में डीजल शेड के किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। मामले में जहां दुर्घटना हुई, उसी विभाग के प्रमुख को जांच दल में शामिल किया गया, जबकि उनको जांच प्रक्रिया से दूर रखना था।

सबसे पहले निलंबन, फिर जांच हो

पूरे मामले में जहां दुर्घटना हुई, उस विभाग के प्रमुख अधिकारी को ही जांच में शामिल करके प्रथम दृष्टया गड़बड़ यही की है। परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति तुरंत मिलना चाहिए व आर्थिक सहायता भी दी जाना चाहिए।

– सुनील दुबे, रेल कर्मचारी नेता

कई सुझाव दिए गए

दुर्घटना को रेलवे ने गंभीरता से लिया व मामले की निष्पक्ष जांच की गई। जांच के बाद जो जरूरी सुझाव है जिससे इस प्रकार की घटना का दोहराव नहीं हो उसको विभाग के लिए जारी किया गया है। जांच में किसे दोषी माना गया, यह गोपनीय रहता है इसलिए नहीं बताया जा सकता है।

– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो