एसडीएम पहुंचे मौक पर
शहर एसडीएम राजेश कुमार शुक्ला छात्रों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए कालेज के सामने प्रदर्शन वाले मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त करने का प्रयास किया लेकिन शुरुआत में छात्र मानने को तैयार नहीं थे। सड़क पर आंदोलन से रास्ता पूरी तरह जाम हो गया था। काफी देर बाद छात्र एसडीएम से चर्चा करने को तैयार हुए। उनका कहना था कि कालेज प्रशासन की लापरवारी स्पष्ट दिखाई दे रही है। जो भी इस मामले में दोषी हो उस पर कार्रवाई की जाए। एसडीएम ने दस दिन में जांच करने का आश्वासन दिया तब जाकर छात्रों का आंदोलन खत्म हुआ।
शहर एसडीएम राजेश कुमार शुक्ला छात्रों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए कालेज के सामने प्रदर्शन वाले मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त करने का प्रयास किया लेकिन शुरुआत में छात्र मानने को तैयार नहीं थे। सड़क पर आंदोलन से रास्ता पूरी तरह जाम हो गया था। काफी देर बाद छात्र एसडीएम से चर्चा करने को तैयार हुए। उनका कहना था कि कालेज प्रशासन की लापरवारी स्पष्ट दिखाई दे रही है। जो भी इस मामले में दोषी हो उस पर कार्रवाई की जाए। एसडीएम ने दस दिन में जांच करने का आश्वासन दिया तब जाकर छात्रों का आंदोलन खत्म हुआ।
बड़ा हादसा हो सकता था
अभाविप के विभाग संयोजक कृष्णा डिंडोर ने बताया तीन दिन पहले कालेज मेंं सीसीई परीक्षा के दौरान ही छत का प्लास्टर गिरने से दो विद्यार्थी घायल हुए थे। बच्चे कम और दूर-दूर थे तो ज्यादा बच्चों को चोंटे नहीं आई वरन बड़ा हादसा हो सकता था। कॉलेज प्रशासन ने आज तक घायल बच्चों की सुध नहीं ली है। कालेज के अन्य कमरों की भी हालत ठीक नहीं है और कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। कालेज में वैसे भी ईवीएम रखी होने से कमरों की संख्या कम हो गई है और उपर से कमरों की हालत खराब है ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर किसी को चिंता नहीं है।
अभाविप के विभाग संयोजक कृष्णा डिंडोर ने बताया तीन दिन पहले कालेज मेंं सीसीई परीक्षा के दौरान ही छत का प्लास्टर गिरने से दो विद्यार्थी घायल हुए थे। बच्चे कम और दूर-दूर थे तो ज्यादा बच्चों को चोंटे नहीं आई वरन बड़ा हादसा हो सकता था। कॉलेज प्रशासन ने आज तक घायल बच्चों की सुध नहीं ली है। कालेज के अन्य कमरों की भी हालत ठीक नहीं है और कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। कालेज में वैसे भी ईवीएम रखी होने से कमरों की संख्या कम हो गई है और उपर से कमरों की हालत खराब है ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर किसी को चिंता नहीं है।