सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री एचके मालवीय बताते हैं कि सुबह इसकी क्षमता के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में लेवल तक पानी पहुंच चुका है। इसकी क्षमता ३९५ मीटर के लेवल तक है तो पूरी हो चुकी है। इस बारिश में पहली बारधोलावाड़ बांध से शहर को हर दिन लाखों गैलन पानी मिलता है। यह पेयजल का मुख्य आधार बन गया है। धोलावाड़ के केचमेंट एरिया से लगातार पानी की आवक बनी हुई है। हालांकि बारिश थमें दो दिन हो गए हैं फिर भी इसकी बरसाती नदियों से लगातार पानी आ रहा है जिससे बांध का पानी का लेवल पूरा भर चुका है।
इसके बाद भी पानी की आवक बढ़ते रहने से अब गेट खोलने की तैयारी की जा रही है।ओवर फ्लो नहीं होना चाहिएधोलावाड़ बांध हो या कोई और बांध हो या कोई और बांध। इनमें क्षमता के अनुसार ही गेट लगाए जाते हैं। जब पानी की लगातार आवक बनी रहती है तो इसे पूरी क्षमता से नहीं भरा जाता है। कुछ खाली रखा जाता है जिससे गेट बंद करने के बाद इसका लेवल बरकरार रह सके। नियमानुसार बांध को ओवर फ्लो नहीं होना चाहिए क्योकि इससे बांध की दीवारों को खतरा पैदा हो जाता है। धोलावाड़ बांध में भी यही किया जा रहा है।
बांध की फैक्ट फाइल बांध का लो लेवल ————— ३८० मीटर बांध का अपर लेवल ————- ३९५ मीटर बांध की पानी की क्षमता ———– ४९.९४ एमसीएम वर्तमान पानी ——————- ४९.९४ एमसीएम
बांध के गेट ——————- ०६ गेट बांध पर्याप्त क्षमता से भर चुका धोलावाड़ बांध में इस समय पूरी क्षमता के अनुसार पानी भर चुका है। पानी के लेवल पर हम लगातार निगाह रखे हुए हैं। इसी तरह पानी की आवक बनी रही तो कुछ सेंटीमीटर तक गेट खोलकर पानी के लेवल को मेंटेन रखना पड़ेगा।
एचके मालवीय, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग