रेलवे स्टेशन पर हाईअलर्ट व इसके पालन के दावे किए जाते है। इन दावों की पोल शराबखोरी करने वाले निकाल रहे है। रेल परिसर में सुबह से लेकर रात के अंधेरे में शराबखोरी हो रही है। शराब की खाली बोतले इसकी गवाह है। बताया जाता है कि कोई कालू नाम का व्यक्ति इस काम में लगा हुआ है। प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा व संरक्षा का काम देखने वाले आरपीएफ से लेकर जीआरपी के जवाब मोबाइल में व्यस्त रहते है व वाणिज्य विभाग के पदस्थ अधिकारी अपने कमरे से तब बाहर आते है जब कोई बड़े अधिकारी का आगमन हो।
चार नंबर पर मिली यह बोतल
प्लेटफॉर्म नंबर चार पर शराब की खाली बोतले आए दिन स्टेशन की सफाई करने वाले कर्मचारियों को मिलती है। कभी प्याऊ के अंदर रखी हुई होती है तो कभी डस्टबिन में डालकर इसको शराब का सेवन करने वाले चले जाते है। यहां पर देशी से लेकर अंगे्रजी शराब की बोतलों को सुबह सुबह सफाई के दौरान देखा जा सकता है। यह सब तब हो रहा है जब डीआरएम औचक निरीक्षण कर रहे हो।
प्लेटफॉर्म नंबर चार पर शराब की खाली बोतले आए दिन स्टेशन की सफाई करने वाले कर्मचारियों को मिलती है। कभी प्याऊ के अंदर रखी हुई होती है तो कभी डस्टबिन में डालकर इसको शराब का सेवन करने वाले चले जाते है। यहां पर देशी से लेकर अंगे्रजी शराब की बोतलों को सुबह सुबह सफाई के दौरान देखा जा सकता है। यह सब तब हो रहा है जब डीआरएम औचक निरीक्षण कर रहे हो।
प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर बने प्याऊ पर मिट्टी जमी हुई देशी शराब की बोतल इस बात की गवाह है यह कई दिन से पड़ी हुई है। कहने को पूरे स्टेशन की बेहतर सफाई का दावा होता है, लेकिन प्याऊ में व्याप्त गंदगी व शराब की बोतल इस बात की पोल खोलने के लिए पयाप्त है कि इस प्लेटफॉर्म पर भी जमकर शराबखोरी हो रही है। इनको रोकने की जिनकी जवाबदारी है वे बेपरवाह है।