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सहयोग नहीं करने वाले टीचर की बनेगी पर्सनल फाइल

locationरतलामPublished: Jul 14, 2019 05:45:17 pm

Submitted by:

Akram Khan

सहयोग नहीं करने वाले टीचर की बनेगी पर्सनल फाइल

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सहयोग नहीं करने वाले टीचर की बनेगी पर्सनल फाइल

रतलाम। शैक्षिक गुणवत्ता में सहयोग नहीं करने वाली शालाओं के शिक्षकों की व्यक्तिगत फाइल तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे उन अकर्मण्य शिक्षकों पर कार्यवाही प्रस्तावित की जा सके। ााला स्तर से जिला स्तर तक शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए अकादमिक कार्ययोजना का निर्माण किया जाना है, इसके लिए जनशिक्षकों की बैठक का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पिपलौदा में किया गया। जिला परियोजना समन्वयक ऋषि कुमार त्रिपाठी ने विभिन्न बिन्दुओं को विस्तार से समझाया।
बैठक में त्रिपाठी ने बताया कि शालाओं में बच्चों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, इसके लिए जो बच्चे शाला में प्रवेश पा चुके हैं, उनकी समग्र पोर्टल पर मैपिंग शत प्रतिशत की जाना आवश्यक है। कक्षा ५ से ६ में प्रवेश लेने वाले २१ प्रतिशत बच्चों की मैपिंग अभी भी शेष है, यदि इन बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया है तो प्रवेश की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करें। उन्होंने १५ जुलाई को ईको दिवस के अवसर पर ग्रामों में रैली निकाल कर जल संवर्धन तथा संरक्षण के संबंध में निर्देश दिए । १६ जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक शाला में एक गुरु शिष्य का पौधा आवश्यक रूप से लगाने का आग्रह किया। छत से पानी टपकने वाली शालाओं में बच्चों को नहीं बैठाने तथा समय पर वाटर प्रुफिंग करवाए जाने के निर्देश दिए।
जिला अकादमिक समन्वयक चेतराम टांक ने शाला स्तर से बनने वाली अकादमिक कार्ययोजना की जानकारी देते हुए बताया कि शाला स्तर शिक्षक की समीक्षा प्रधानाध्यापक, शालाओं की समीक्षा जनशिक्षा केन्द्र स्तर पर तथा जनशिक्षा केन्द्र स्तर की समीक्षा विकासखंड स्तर पर की जाएगी। इसका एकीकरण कर कमजोर बिन्दुओं को उभारा जाएगा तथा कार्ययोजना के माध्यम से शालाओं का शैक्षिक सुधार किया जाएगा। बाजार से लाकर प्रश्रपत्र का उपयोग नहीं कर सकेंगे। मासिक मूल्यांकन का लिखित रिकार्ड भी शालाओं में रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त शैक्षिक कलेण्डर के अनुसार सह शैक्षिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा।
संस्थान के प्राचार्य डॉ. नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि अपना लक्ष्य तय करना आवश्यक है तथा इसी के अनुरूप कार्यप्रदर्शन से जिले की शैक्षिक उन्नति हो सकती है। शालाओं में मासिक मूल्यांकन से लेकर बेसलाइन, मिडलाइन, एंडलाइन टेस्ट के रिकार्ड को व्यवस्थित एवं सही रखने की आवश्यकता है। बैठक में सहायक परियोजना समन्वयक शैलेन्द्र शितुत, डोडियार, बीआरसीसी विवेक नागर, देवराम मतानिया, कमलेश कटारा सहित सभी खंड अकादमिक समन्वयक उपस्थित थे।
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