वैश्विक महामारी के समय उपयोग हुआ था मेडिकल कॉलेज का अस्पताल मेडिकल कॉलेज का अस्पताल शुरू होने से पहले ही वैश्विक महामारी के समय में मरीजों को रखने और उनका इलाज के लिए इसका उपयोग किया गया था। इसके बाद वर्तमान में डेंगू में अपनी सेवाएं देते रहा है। अब पूरा अस्पताल व्यवस्थित ढंग से शुरू करने जरूरत महसूस की जा रही है। इसके शुरू होने से न केवल रतलाम जिले और आसपास के जिलों की आबादी को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।
विभागों के उपकरण आना शुरू हो गए विभिन्न विभागों हेतु आवश्यक विश्वस्तरीय उपकरणों की आमद प्रारंभ हो गई है। फर्निचर, ओ टी उपकरण, ब्लड बैंक की अनुमति, बायो केमेस्ट्री में ब्लड टेस्टींग के लिए आटो एनालाईजर की अनुमति, नेत्र बैंक संबंधी उपकरण आदि आने की प्रक्रिया में हैं। अस्पताल में दस माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर पूर्णतः तैयार है। सभी तलों पर स्थित वार्ड के बिस्तर मय आवश्यक सुविधाओं के प्राप्त हो चुके हैं। इसी तरह सेंट्रल स्टरलाईजेशन हेतु सीएसएसडी को अंतर्राष्ट्रीय मानको के आधार पर तैयार किया जा रहा है। सभी मरीजों, दवाईयों, लेब रिपोर्ट आदि की जानकारियाँ कम्यूटराईज्ड की जा रही हैं इसके लिए एल आई एम एस तथा एच एम आई एस का प्रस्ताव भी शासन में भेजा गया है।
अस्पताल शुरू करने के बाद यह है अगली योजना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल शुरू होने के बाद कॉलेज प्रबंधन की आगामी परियोजनाओं में मिल्क बैंक की स्थापना, किडनी के लिए अलग अस्पताल जहाॅं किडनी ट्रंसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होगी। यह स्कूल आॅफ एक्सलेंस होगा। इसके साथ न्यूरो सर्जरी, निसंतान दंपतियों के लिए आईवीएफ सुविधा आदि उपलब्ध हो सकेगी। महाविद्यालय में पैरा मेडिकल तथा नर्सिंग की कक्षाएॅ भी प्रारंभ हो रही है जिनमें से तकनीकी रूप से सशक्त युवा निकल सकेंगे। रोजगार में वृद्धि के साथ मेडिकल काॅलेज अपनी बहुआयामी सेवाओं के लिए विश्व स्तर की सुविधाएॅं देने के लिए प्रतिबद्ध है।