बिजली वितरण कंपनी के बिल काउंटर पर अब पहले की तरह लंबी-लंबी लाइन नजर नहीं आती है, इसका कारण आन लाइन भुगतान के मोड एमपी आन लाइन, गुगल पे, फोन पे, पेटीएम, अमेजान आदि माध्यमों का होना है। ये माध्यम आसान है, साथ ही समय समय पर बिलों के भुगतान के प्रति उपभोक्ताओं को सचेत भी करते है। इन माध्यमों से चौबीस घंटे, सातों दिन बिजली बिलों का भुगतान किया रहा है। मालवा और निमाड़ में हर माह बारह लाख से ज्यादा उपभोक्ता केशलेस तरीके से बिल भर रहे है। इन्हें हर माह औसतन एक करोड़ एवं वर्ष में बारह से साढ़े बारह करोड़ रूपए प्रोत्साहन स्वरूप लौटाए जाते है।
38 हजार ले रहे रतलाम में छूट शहरों की बात करे तो रतलाम शहर में पचास फीसदी बिल भरने वाले उपभोक्ता केशलेस के है, इनकी संख्या 38 हजार है। उज्जैन शहर में पैंतालीस फीसदी उपभोक्ता केशलेस के है, इनकी संख्या करीब 45 हजार है। इंदौर शहर में हर माह लगभग पांच लाख उपभोक्ता बिल भरते है, इसमें से साठ फीसदी यानि सवा तीन लाख से ज्यादा उपभोक्ता केशलेंस तरीके से बिल भरने वाले होते है। इंदौर जिले में ही में पिछले एक वर्ष में केशलेस/प्राम्प्ट तरीके से बिजली बिल भुगतान कर उपभोक्ताओं ने लगभग 4 करोड़ रूपए का फायदा अर्जित किया है। पेटीएम, गुगल पेट, फोन पे, अमेजन आदि बिजली बिल जारी होने के साथ ही अंतिम तिथि के अलर्ट भी उसी तरह जारी करते है, जिस तरह बिजली कंपनी बिल जारी होने, तिथि पास में आने के दौरान बिल भरने की अपील करती है। बिजली कंपनी केशलेस भुगतान पर प्रोत्साहन राशि अगले बिल में लौटाती है, जो बिल में स्पष्ट दर्ज रहती है।
2021 – 12.25 लाख उपभोक्ता – 12.25 करोड़ 15 लाख करने की कोशिश केशलेस से बिजली कंपनी को भी केश संभालने से निजात मिली है । वर्तमान में लगभग सवा बारह लाख उपभोक्ता केशलेस तरीके से बिल भर रहे है, ये कही से कभी भी बिल आसानी से भर सकते है। केशलेंस बिल भुगतान वालों को हर बिल पर छूट दी जा रही है, दी गई छूट अगले बिल में स्पष्ट दर्शायी जाती है। कंपनी स्तर पर केशलेस से बिल भरने वालों की संख्या अगले तीन माह में 15 लाख करने की कोशिश की जा रही है।
– अमित तोमर, एमडी मप्रपक्षेविविकं इंदौर