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बिजली मीटरों की जांच के लिए कंपनी के कर्मचारी पहुंच रहे घर-घर

locationरतलामPublished: Feb 12, 2019 05:34:59 pm

Submitted by:

Akram Khan

बिजली मीटरों की जांच के लिए कंपनी के कर्मचारी पहुंच रहे घर-घर

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बिजली मीटरों की जांच के लिए कंपनी के कर्मचारी पहुंच रहे घर-घर

रतलाम। (जावरा) मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बिजली के भारी भरकम बीलों से लोगों को राहत दिलाने के लिए संबल योजना के तहत 200 रुपए प्रतिमाह बिजली बिल दिए जाने की योजना शुरू की थी लेकिन अब इस योजना में बिल तो 200 रुपए ही आ रहा है, लेकिन यूनिट 500 से अधिक आ रहे हैं। जिस पर अब बिजली कंपनी संबल योजना के तहत लगे मीटरों की जांच कर रही है, साथ ही खपत के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार की जन कल्याणकारी योजना में से एक योजना जो कि श्रमिक वर्ग के लोगों के लिए लागू की गई थी, इस योजना के तहत श्रमिकों का पंजीयन कर उन्है कार्ड बनाकर दिए गए थे, इस योजना को सरकार ने संबल योजना का नाम देते हुए, इसके तहत भारी भरकम बिजली बिलों से राहत देते हुए लोगों को महज २०० प्रतिमाह में बिजली देना प्रारंभ किया था। लोगों को बिजली का बिल तो २०० रुपए आ रहा है,लेकिन उनके बिल में युनीट ५०० से अधिक आ रहे है। जो बिजली कंपनी के लिए परेशानी का कारण बन रहे है। इस परेशानी के चलते बिजली कंपनी ने अब संबल योजना के तहत पंजीकृत हुए सभी संबल कनेक्शनों की जांच की जा रही। लगे मीटरों में अधिक यूनिट आने वाले सभी मीटरों की जांच की जा रही है।
संबल योजना में उपभोक्ताओं से सरकार के आदेश पर 200 रुपए की राशि तय की गई थी, लेकिन वर्तमान में 200 रुपए वालों उपभोक्ताओं के यहां बिजली की खपत अधिक हो रही है। खपत किन कारणों से हो रही है, उसकी जांच की जा रही है, साथ ही संबंल योजना वाले उपभोक्ताओं के मीटरों की जांच की जा रही है।
– आरके नायर, कार्यपालन यंत्री, बिजली कपंनी
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लंबे समय से पेंडिंग नामांतरण के 230 प्रकरण स्वीकृत
जावरा. नगर पालिका में लम्बे समय से पेंडिंग चल रहे नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण सोमवार को हुई नामांतरण समिति की बैठक में हुआ। जिसमें करीब २३० प्रकरणों का निराकरण किया। सोमवार को दोपहर में नपा के परिषद हॉल में नपाध्यक्ष अनिल दसेड़ा की मौजुदगी में नपा की नामांतरण समिति और प्रेसिडेंट इन काउंसलि के सदस्यों को मिलाकर बनाई गई नामांतरण समिति की बैठक हुई। जिसमें विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद लेकर पेंिडंग पड़े नामांतरण प्रकरणों का निपटारा किया गया। विरोध के चलते ११ फरवरी को पुन: नामांतरण समिति की बैठक हुई। जिसमें 230 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
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