10 साल से ज्यादा के हैं निर्माण कार्य
वर्ष 2007-08 से लेकर पिछले सत्र 2017-18 तक के सैंकड़ों निर्माण कार्य अब भी या तो अधूरे पड़े हैं या फिर काम ही ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव शुरू नहीं कर पाए हैं। दीगर बात यह है कि इन्हें मिली पहली किस्त की राशि इन्होंने खातों से निकालकर उपयोग भी कर ली है। 10 साल से ज्यादा का समय होने के बावजूद पूर्व सरपंच और सचिवों ने अपने कार्यकाल के दौरान कोई काम नहीं कराया।
तत्कालीन जिम्मेदारों ने नहीं की कार्रवाई
जिला शिक्षा केंद्र के तत्कालीन जिम्मेदार और इंजीनियर भी इन पूर्व सरपंच और सचिवों पर कोई नियंत्रण नहीं रख पाए और सरकारी पैसों का इन्होंने भरपूर उपयोग कर लिया। राज्य शिक्षा केंद्र में बैठे अधिकारियों ने दी गई राशि का हिसाब मिलाना शुरू किया तो करोड़ों रुपयों के ये भवन अधूरे होने या निर्माण ही शुरू नहीं होने की जानकारी सामने आने के बाद जिम्मेदारी तय की गई तो फिर वसूली की कार्रवाई शुरू हुई।
वर्ष 2007-08 से लेकर पिछले सत्र 2017-18 तक के सैंकड़ों निर्माण कार्य अब भी या तो अधूरे पड़े हैं या फिर काम ही ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव शुरू नहीं कर पाए हैं। दीगर बात यह है कि इन्हें मिली पहली किस्त की राशि इन्होंने खातों से निकालकर उपयोग भी कर ली है। 10 साल से ज्यादा का समय होने के बावजूद पूर्व सरपंच और सचिवों ने अपने कार्यकाल के दौरान कोई काम नहीं कराया।
तत्कालीन जिम्मेदारों ने नहीं की कार्रवाई
जिला शिक्षा केंद्र के तत्कालीन जिम्मेदार और इंजीनियर भी इन पूर्व सरपंच और सचिवों पर कोई नियंत्रण नहीं रख पाए और सरकारी पैसों का इन्होंने भरपूर उपयोग कर लिया। राज्य शिक्षा केंद्र में बैठे अधिकारियों ने दी गई राशि का हिसाब मिलाना शुरू किया तो करोड़ों रुपयों के ये भवन अधूरे होने या निर्माण ही शुरू नहीं होने की जानकारी सामने आने के बाद जिम्मेदारी तय की गई तो फिर वसूली की कार्रवाई शुरू हुई।
यहां शुरू हो गया काम
सैलाना विकासखंड के अमरगढ़, नारायणगढ़, लुणी, इंद्रावल खुर्द, दौलतपुरा, डूंगरापूंजा, कुआ झागर, सलवानिया और गराड़, बाजना विकासखंड के भड़ानकला, केलकच्छ, संगेसरा, देथला, रानीसिंग और बिंटी पंचायतें हैं। इसके अलावा रतलाम की सरवड़, जावरा की रेवाल और पिपलौदा की नौलखा ग्राम पंचायत हैं जिनके पूर्व सरपंच और सचिवों ने निर्माण कार्य शुरू करने के लिए लिखित में दे दिया है।
मोहलत देने का समय खत्म
कई पंचायतों के पूर्व और वर्तमान सरपंच और सचिव कुछ दिन की और मोहलत मांगने के लिए आए थे। जिन्होंने काम अधूरा छोड़ रखा है उन्हें अब और कोई मोहलत देना संभव नहीं है। उनके पास काफी समय था किंतु इसमें उन्होंने काम नहीं कराया इसलिए मोहलत का समय खत्म हो गया है। अब इन्हें काम करवाना है या फिर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आरके त्रिपाठी, प्रभारी डीपीसी, रतलाम
सैलाना विकासखंड के अमरगढ़, नारायणगढ़, लुणी, इंद्रावल खुर्द, दौलतपुरा, डूंगरापूंजा, कुआ झागर, सलवानिया और गराड़, बाजना विकासखंड के भड़ानकला, केलकच्छ, संगेसरा, देथला, रानीसिंग और बिंटी पंचायतें हैं। इसके अलावा रतलाम की सरवड़, जावरा की रेवाल और पिपलौदा की नौलखा ग्राम पंचायत हैं जिनके पूर्व सरपंच और सचिवों ने निर्माण कार्य शुरू करने के लिए लिखित में दे दिया है।
मोहलत देने का समय खत्म
कई पंचायतों के पूर्व और वर्तमान सरपंच और सचिव कुछ दिन की और मोहलत मांगने के लिए आए थे। जिन्होंने काम अधूरा छोड़ रखा है उन्हें अब और कोई मोहलत देना संभव नहीं है। उनके पास काफी समय था किंतु इसमें उन्होंने काम नहीं कराया इसलिए मोहलत का समय खत्म हो गया है। अब इन्हें काम करवाना है या फिर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आरके त्रिपाठी, प्रभारी डीपीसी, रतलाम