पीएम बोले- ‘मदर टेरसा को बोलने से कौन रोक सकता है’
डॉ. लीला जोशी से जब सवाल किया गया कि सम्मान पाकर कैसा लग रहा है तो उन्होंने जवाब दिया, यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है। यह पूरे रतलाम व मालवा सहित देश के हर उस व्यक्ति का सम्मान है जो सेवा के क्षेत्र में काम कर रहा है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक एक व्यक्ति से मिले। तब उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि वो कुछ कहना चाहती हैं जिसके जवाब में पीएम ने कहा कि मदर टेरसा को बोलने से कौन रोक सकता है। पीएम ने ध्यान से उनकी पूरी बात सुनी। इस दौरान पीएम को डॉ. जोशी ने स्वयं के द्वारा कोरोना काल में लिखी अनुभव की पुस्तक भी दी।
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सेवा का लंबा सफर
डॉ. जोशी का सेवा का सफर लंबा रहा है। रेलवे से शुरुआत करने के बाद देश के अलग-अलग क्षेत्र में वे पदस्थ रही। इस दौरान उन्होंने देखा कि बेटियां विशेषकर आदिवासी महिलाओं में स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता का अभाव है व इससे मातृ मृत्युदर में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके बाद उन्होंने महिलाओं में हिमोग्लोबीन से लेकर जरूरी पोषक तत्व रक्त में हो इसके लिए सेवा का कार्य शुरू कर दिया। बता दें कि डॉ. लीला जोशी बीते 23 साल से आदिवासी महिलाओं व बेटियों का नि:शुल्क इलाज कर रही हैं। इसके पूर्व 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी डॉ. जोशी को सम्मानीत कर चुके है। डॉ. जोशी को मध्यप्रदेश की मदर टेरसा भी इनकी सेवा भावना को देखते हुए कहा जाता है। पत्रिका द्वारा किए गए सम्मान के दौरान सभी साथियों के अलावा सामाजिक संगठन खुशी एक पहल के अमन माहेश्वरी, हरीश जोशी, लक्ष्मीनारायण शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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