कलेक्टर रुचिका चौहान से बांगरोद के किसानों ने पूर्व भी फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं से होने वाली बीमारी व खेतों में खड़ी फसल खराब होने की बात कही थी। किसानों का कहना था कि फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले धुएं से फसल के साथ उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। ग्रामीणों को दमा, चर्म रोग सहित अन्य बीमारी का खतरा मंडराने लगा है। वहीं खेतों में तैयार फसल भी कार्बन जमने से नष्ट हो रही है। एेसे में उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
बड़ी संख्या में काम कर रहे थे मजदूर
बांगरोद के किसानों की शिकायत पर कलेक्टर दोपहर में गांव में पहुंची और फसलों का निरीक्षण किया। इस दौरान फसलों पर अत्यधिक मात्रा में कार्बन जमा नजर आया। आस-पास के सभी खेतों में हालात एक से नजर आने पर कलेक्टर तहसीलदार व पटवारी सहित अन्य अमले के साथ फैक्ट्री पर पहुंची और उसकी जांच की। अचानक से कलेक्टर की दबिश से यहां हड़कंप मच गई लेकिन कोई चाह कर भी यहां कुछ नहीं कर सका।
बांगरोद के किसानों की शिकायत पर कलेक्टर दोपहर में गांव में पहुंची और फसलों का निरीक्षण किया। इस दौरान फसलों पर अत्यधिक मात्रा में कार्बन जमा नजर आया। आस-पास के सभी खेतों में हालात एक से नजर आने पर कलेक्टर तहसीलदार व पटवारी सहित अन्य अमले के साथ फैक्ट्री पर पहुंची और उसकी जांच की। अचानक से कलेक्टर की दबिश से यहां हड़कंप मच गई लेकिन कोई चाह कर भी यहां कुछ नहीं कर सका।
१४० श्रमिक कर रहे थे काम
कलेक्टर जब जांच के लिए कारखाने पर पहुंची तो यहां पर 140 से अधिक श्रमिक कार्य करते नजर आए। इनकी उम्र की पड़ताल करने पर तीन लड़कियों के नाबालिग नजर आई। इन बालिकाओं को यहां से हटाने के लिए कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदौरिया यहां पहुंची और बालिकाओं को अपने साथ ले गई। टीम ने किशोरियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। उनके लिए जांच तक बेहतर प्रबंध कराया है।
कलेक्टर जब जांच के लिए कारखाने पर पहुंची तो यहां पर 140 से अधिक श्रमिक कार्य करते नजर आए। इनकी उम्र की पड़ताल करने पर तीन लड़कियों के नाबालिग नजर आई। इन बालिकाओं को यहां से हटाने के लिए कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदौरिया यहां पहुंची और बालिकाओं को अपने साथ ले गई। टीम ने किशोरियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। उनके लिए जांच तक बेहतर प्रबंध कराया है।
ये रहे कार्रवाई के दौरान
कलेक्टर की मौजूदगी में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में रतलाम ग्रामीण तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल, नामली टप्पा तहसीलदार गुलाबसिंह परिहार, पटवारी मुकेश मरमट, कृषि उप संचालक, पुलिस व गांव के चौकीदार की उपस्थिति में कारखाने को सील कर आगे की कार्रवाइ्र की गई है। टायर कारखाना राजस्थाना के किशनगढ़ निवासी राजकुमार जैन द्वारा करीब दस वर्ष से संचालित किया जाना बताया जा रहा है।
कलेक्टर की मौजूदगी में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में रतलाम ग्रामीण तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल, नामली टप्पा तहसीलदार गुलाबसिंह परिहार, पटवारी मुकेश मरमट, कृषि उप संचालक, पुलिस व गांव के चौकीदार की उपस्थिति में कारखाने को सील कर आगे की कार्रवाइ्र की गई है। टायर कारखाना राजस्थाना के किशनगढ़ निवासी राजकुमार जैन द्वारा करीब दस वर्ष से संचालित किया जाना बताया जा रहा है।
चार माह पहले दिए थे बंद करने निर्देश
किसानों की शिकायत पर बांगरोद रोड स्थित ग्राम जड़वासाकला में टायर जलाने की फैक्ट्री की जांच ग्रामीण एसडीएम शिराली जैन ने की थी। एसडीएम द्वारा ५ सितंबर को जारी किए गए आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं से आमजन के साथ फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिसके चलते उसे हटाना आवश्यक है। इसके लिए अगले सात दिन के भीतर फैक्ट्री मालिक को वह हटाने के निर्देश दिए है, यदि तय समय में वह नहीं हटा पाता है, तो फिर पुलिस-प्रशासन का अमला कार्रवाई कर उसे हटवाएगा।
किसानों की शिकायत पर बांगरोद रोड स्थित ग्राम जड़वासाकला में टायर जलाने की फैक्ट्री की जांच ग्रामीण एसडीएम शिराली जैन ने की थी। एसडीएम द्वारा ५ सितंबर को जारी किए गए आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं से आमजन के साथ फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिसके चलते उसे हटाना आवश्यक है। इसके लिए अगले सात दिन के भीतर फैक्ट्री मालिक को वह हटाने के निर्देश दिए है, यदि तय समय में वह नहीं हटा पाता है, तो फिर पुलिस-प्रशासन का अमला कार्रवाई कर उसे हटवाएगा।
हटाने पर थी रोक
प्रशासन की माने तो एसडीएम ग्रामीण द्वारा कार्रवाई के संबंध में जारी किए गए नोटिस के बाद फैक्ट्री मालिक हटाने की बात पर न्यायालय से स्टे ले आया था, लेकिन उस आदेश में यह स्पष्ट था कि वह फैक्ट्री संचालित नहीं कर सकेगा। टीम जब वहां पहुंची तो फैक्ट्री चलती पाई गई, जिसके चलते कलेक्टर ने उसे सील करवा दिया।
प्रशासन की माने तो एसडीएम ग्रामीण द्वारा कार्रवाई के संबंध में जारी किए गए नोटिस के बाद फैक्ट्री मालिक हटाने की बात पर न्यायालय से स्टे ले आया था, लेकिन उस आदेश में यह स्पष्ट था कि वह फैक्ट्री संचालित नहीं कर सकेगा। टीम जब वहां पहुंची तो फैक्ट्री चलती पाई गई, जिसके चलते कलेक्टर ने उसे सील करवा दिया।
इनका कहना है
सील की फैक्ट्री
– शिकायत मिलने पर फसलों का निरीक्षण किया गया था। फसलों पर अत्यधिक मात्रा में कार्बन पाया गया है। बाद में फैक्ट्री जाकर जांच करने पर वहां तीन नाबालिग काम करते नजर आए थे, जिन्हे महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बुलाकर उनके मामले में जांच कर उचित व्यवस्था के निर्देश दिए थे। फिलहाल फैक्ट्री सील कर दी गई है।
रुचिका चौहान, कलेक्टर
सील की फैक्ट्री
– शिकायत मिलने पर फसलों का निरीक्षण किया गया था। फसलों पर अत्यधिक मात्रा में कार्बन पाया गया है। बाद में फैक्ट्री जाकर जांच करने पर वहां तीन नाबालिग काम करते नजर आए थे, जिन्हे महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बुलाकर उनके मामले में जांच कर उचित व्यवस्था के निर्देश दिए थे। फिलहाल फैक्ट्री सील कर दी गई है।
रुचिका चौहान, कलेक्टर