मध्यप्रदेश के रतलाम में किसान समर्थन मूल्य पर बिक्री किए गए गेहूं की राशि के लिए चक्कर काट रहे है, दूसरी तरफ भाजपा किसान मोर्चा के नेता टिफिन पार्टी कर रहे है।
Farmers upset, BJP leaders doing party in madhya pradesh
रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम में किसान समर्थन मूल्य पर बिक्री किए गए गेहूं की राशि के लिए चक्कर काट रहे है, दूसरी तरफ भाजपा किसान मोर्चा के नेता टिफिन पार्टी कर रहे है। ऐसे में अब कांग्रेस नेता भाजपा नेताओं की टिफिन पार्टी का मजाक बना रही है।
जिले में कई किसानों को अब तक समर्थन मूल्य पर बिक्री किए गए गेहूं का वाजिब दाम तक नहीं मिला है। विभाग भले समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर अपने दावे कर रहा है, लेकिन मैदानी हकीकत यह है कि अब तक किसान अपनी राशि को लेकर चक्कर काट रहे है। अब कलेक्टर ने भी इस मामले में अधिकारियों को चेताया है। बताया जा रहा है कि जिन किसानों के बैंक खामे में केवायसी अपडेट नहीं है, उनका भुगतान रोक दिया गया है। जिले में इस वर्ष 5016 किसानों से 32606 मेट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। जब कलेक्टर ने सवाल किया कि सभी 5016 किसानों को उनकी राशि का भुगतान हो गया है तो अधिकारियों ने बताया कि कुछ किसानों को अब तक भुगतान तकनीकी कारण से नहीं किया है। जब कलेक्टर ने तकनीकी कारण की जानकारी चाही तब पता चला कि किसानों ने बैंक खातों की जानकारी तो दे दी थी, लेकिन उनके बैंक खाते अपडेट नहीं थे, इसलिए भुगतान रोक दिया गया है। इसके बाद कलेक्टर ने सवाल किया कि बैंक खाते अपडेट कौन करवाएगा, इस पर अधिकारी चुप हो गए। इस दौरान जिला उपार्जन समिति के सदस्य मौजूद थे।
इनकी हुई टिफिन पार्टी रतलाम के बरबर रोड स्थित हनुमान मंदिर पर मंगलवार को कुशाभाउ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष में किसान मेरा गौरव आयोजन के अंतर्गत भाजपा किसान मोर्चा ने टिफिन पार्टी बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कर रहे किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामसिंह सिसोदिया ने कहा किसान मोर्चा के सभी पदाधिकारी ये विशेष ध्यान रखे की किसानों को कही भी विशेष रूप से मंडी में हो रही समस्याओं के समाधान के लिए हर समय उपस्थित रहकर उनकी समस्याओं का निराकरण करें। बैठक के मुख्य अतिथि भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिराम शाह ने 29 मई को होने वाली प्रधानमंत्री की मन की बात को मंडल स्तर पर किसानों को इस बारे में बताने को कहा। बड़ी बात यह है कि इस दौरान किसानों के लिए संकट में खड़े होने की बात भाषण में तो कही गई, लेकिन हकीकत में किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के बाद जो समस्या राशि मिलने में आ रही है, उस बारे में कोई बात नहीं की गई।