रतलाम

फादर्स डे – पिता तरस गए बेटे को गोद में लेने को

फादर्स डे – पिता तरस गए बेटे को गोद में लेने को

रतलामJun 21, 2020 / 03:59 pm

kamal jadhav

फादर्स डे – पिता तरस गए बेटे को गोद में लेने को

रतलाम। कोई भी पिता अपने एक साल के बेटे को तीन माह से ठीक से प्यार भी नहीं कर पा रहा है। यही नहीं उसे गोद में उठाने को तरस जाए तो क्या कहा जाए। पिता की गोद में आने को बच्चा मचलने लगे और बहुत जिद करने पर बच्चे को थोड़ी देर उठाया और फिर उसे मां या पत्नी को सुपुर्द कर दे तो उस पिता के दिल पर क्या गुजरती होगी। इन सबके बीच अपने कत्र्तव्य को पहली प्राथमिकता देने वाले कोरोना वारियर्स आज भी पूरे समय बस कोरोना से जंग में जुटे हुए हैं। ऐसे ही एक पिता और कोरोना वारियर्स हैं मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रफुल्ल सोनगरा हैं जो पूरे समय कोरोना सेंपलों की जांच में ही जुटे हुए हैं। बकौल डॉ. सोनगरा जब से मेडिकल कॉलेज में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सेंपलों की जांच शुरू हुई है उससे पहले से ही वे कोरोना मरीजों की लगातार जांच, इलाज आदि में लगे रहे जिससे वे परिवार को पूरा समय ही नहीं दे पा रहे हैं।
मां और पत्नी से मिलती हिदायते
डॉ. सोनगरा बताते हैं कि उनका एक साल का बेटा ध्रुविल है और वे मेडिकल कॉलेज के कैंपस में ही परिवार के साथ निवास करते हैं। सुबह घर से निकलते समय मां चंद्रकांता और पत्नी प्रियंका की हिदायत मिलती रहती कि अपना ध्यान रखना। पत्नी को पता है कि पति कोरोना सेंपलों की जांच करते हैं इसलिए सावधानी जरुरी है। मां को भी इस बात का पता चला तो वे भी चिंतित रहती है। जब वे घर जाते हैं तो एक साल का बेटा ध्रुविल उनके पास आने को मचलता है किंतु सुरक्षा के म²ेनजर उसे उठाने से भी वे संकोच करते हैं। बहुत ज्यादा जिद करने पर सैनेटाइजर का इस्तेमाल करके वे उसे सुरक्षित तरीके से उठाते हैं और कुछ देर बाद वापस मां या पत्नी के पास छोड़ देते हैं जिससे उसे कोई इंफेक्शन की आशंका नहीं रहे। बकौल डॉ. सोनगरा यह पल उनके लिए काफी कठिन होता है किंतु इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है।

Home / Ratlam / फादर्स डे – पिता तरस गए बेटे को गोद में लेने को

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.