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कोरोना से जंग: डीजलशेड में कर्मचारी बना रहे ऑक्सीजन सिलेंडर स्टैंड

locationरतलामPublished: Apr 05, 2020 05:46:23 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

नौ डिब्बों में बनेंगे कुल 50 वॉर्ड, मंत्रालय ने कहा हम तय करेंगे कहां भेजना इन डिब्बों को

रतलाम। रेलवे के डाउन यार्ड में जो नौ यात्री डिब्बों को आइसोलेशन वॉर्ड में बदला जा रहा है उसमे 50 मरीजों के लिए कैबिन बन रहे है। इसमे 50 आक्सीजन सिलेंडर रहेंगे। इन सिलेंडर के स्टैंड बनाने का कार्य शनिवार से डीजलशेड में शुरू हुआ है।

डीजलशेड में वरिष्ठ यांत्रिकी प्रबंधक एसपी गुप्ता के निर्देशन में आदेश मिलते ही ऑक्सीजल के लिए स्टैंड बनने की शुरुआत हो गई है। डीजलशेड के कर्मचारियों के अनुसार दो दिन में वे सभी 50 आक्सीजन सिलेंडर के स्टैंड बनाकर दे देंगे। इसके लिए जरूरी सामान डीजलशेड से ही जुटाया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार तीन से पांच दिन में सभी डिब्बे बनकर तैयार हो जाएंगे।

मंत्रालय करेगा तय
हमारी तरफ से यात्री डिब्बों को आइसोलेशन वॉर्ड में बदलने का कार्य तेजी से चल रहा है। आक्सीजन सिलेंडर के स्टैंड निर्माण कार्य डीजलशेड में शुरू कर दिया गया है। डिब्बों को वरिष्ठ कार्यालय आदेश अनुसार भेजा जाएगा।

– विनित गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक


मालगाड़ी चला दी पर बुकिंग कार्यालय बंद
रेलवे ने जरूरी सामान की सप्लाय हो इसके लिए मालगाडि़यां तो चलाई है, लेकिन मंडल मुख्यालय पर बुकिंग कार्यालय ही बंद है। यहां पर कुछ समय के लिए कार्यालय प्रमुख आते है व अन्य कर्मचारियों से मिलकर वापस घर जा रहे है। हम्माल व तुलावटी नहीं होने की वजह से 22 मार्च से रतलाम से मावा, मटर, फूल आदि का जाना बंद है। बुकिंग कार्यालय के कर्मचारियों के अनुसार 21 मार्च तक 50 हजार से लेकर 75 हजार तक के माल की बुकिंग हो रही थी, लेकिन अब सब बंद है। अब सामाजिक संगठनों से रेलवे ने लगेज बाहर भेजने के लिए मदद मांगी है।

जो चल रही उसमे नहीं हो रहा लदान

रेलवे ने कहने को विशेष ट्रेन जरूरी सामान के लिए चलाई है, इतना ही नहीं, यह स्पेशल गुड्स ट्रेन का रतलाम में ठहराव भी हो रहा है, लेकिन इन मालगाडि़यों में रतलाम से अब तक एक रुपए का भी माल नहीं लदान हुआ है। इसकी वजह बुकिंग कार्यालय पर ताला होना है। कर्मचारियों ने फोन पर बताया कि कार्यालय आने पर रोक है। इसके अलावा आए भी तो माल चढ़ाने के लिए न तो कोई हम्माल इस समय मिल पा रहा है नहीं कोई तुलावटी है जो लदान को तोल सके। इसके चलते अब बुकिंग कार्यालय पर ताला ही लगा दिया गया है।

अब एनजीओ से मांगी मदद
इस मामले में रेलवे ने एनजीओ से मदद मांगी है। अगर कोई संगठन या संस्था जरूरी सामान जिसमे अन्न, दवा, सैनिटाईजर, मास्क आदि कही भेजना चाहता है तो रेलवे मालगाड़ी से भेजेगा। इसके लिए तय मानक अनुसार दो या चार किलो नहीं बल्कि क्विंटल में सामान होना जरूरी है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल्

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