यातायात के लिए बनाना पड़ेगा बायपास
रेलवे ब्रिज के निर्माण के दौरान रतलाम-बाजना मार्ग पर भारी यातायात को डायवर्ट करने के लिए बायपास रोड बनाने के लिए भी रेलवे के अधिकारियों ने सेतू निगम को कहा है। यह बायपास ईश्वरनगर रेलवे फाटक से होकर उत्कृष्ट स्कूल की दीवार और रेलवे ट्रेक के बीच से होता हुआ उत्कृष्ट स्कूल के सामने के मार्ग से जोडऩा होगा। इसका निर्माण भी सेतू निगम को ही करना होगा और फिर इसे बंद भी करना पड़ेगा। यह पूरी तरह अस्थायी सड़क होगी जिसकी अनुमति रेलवे ने सेतू निगम को दे दी है। गौरतलब है कि सागोद रोड ब्रिज के निर्माण के दौरान पूरी तरह रास्ता बंद करना किसी भी स्थिति में संभव नहीं होने से यह विकल्प तैयार किया जाएगा। इसके निर्माण में कम से कम छह माह का समय लग सकता है तब तक इसी बायपास से बाजना तरफ जाने और बाजना तरफ से आने वाले वाहन गुजरेंगे।
रेलवे ब्रिज के निर्माण के दौरान रतलाम-बाजना मार्ग पर भारी यातायात को डायवर्ट करने के लिए बायपास रोड बनाने के लिए भी रेलवे के अधिकारियों ने सेतू निगम को कहा है। यह बायपास ईश्वरनगर रेलवे फाटक से होकर उत्कृष्ट स्कूल की दीवार और रेलवे ट्रेक के बीच से होता हुआ उत्कृष्ट स्कूल के सामने के मार्ग से जोडऩा होगा। इसका निर्माण भी सेतू निगम को ही करना होगा और फिर इसे बंद भी करना पड़ेगा। यह पूरी तरह अस्थायी सड़क होगी जिसकी अनुमति रेलवे ने सेतू निगम को दे दी है। गौरतलब है कि सागोद रोड ब्रिज के निर्माण के दौरान पूरी तरह रास्ता बंद करना किसी भी स्थिति में संभव नहीं होने से यह विकल्प तैयार किया जाएगा। इसके निर्माण में कम से कम छह माह का समय लग सकता है तब तक इसी बायपास से बाजना तरफ जाने और बाजना तरफ से आने वाले वाहन गुजरेंगे।
नए सिरे से लेना होगी ब्रिज की स्वीकृति
रेलवे बोर्ड के नए नियम से ब्रिज की लंबाई ५४ मीटर से कम नहीं होगी और इसके नीचे से पांच ट्रैक बनाए जितनी जगह छोडऩे से ब्रिज की लंबाई को ५४ मीटर ही रखना पड़ेगा। सेतू निगम ने लागत कम करने के लिए ४४ मीटर की लंबाई के ब्रिज की डिजाइन के लिए रेलवे से अनुरोध किया था किंतु रेलवे बोर्ड के नए नियमों से यह संभव नहीं हो पाएगा। इस वजह से ४४ मीटर के हिसाब से स्वीकृत ब्रिज को ५४ मीटर करने के लिए नए सिरे से सेतू निगम को अपने मुख्यालय से स्वीकृति लेना पड़ेगी। इससे इस ब्रिज की लागत बढ़ सकती है। वर्तमान में ब्रिज के लिए सेतू निगम को ९ करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली हुई है जो ४४ मीटर के हिसाब से है। ५४ मीटर की लंबाई करने से इसकी लागत में काफी इजाफा होगा जो सेतू निगम के मुख्यालय से ही स्वीकृत हो पाएगा।
रेलवे बोर्ड के नए नियम से ब्रिज की लंबाई ५४ मीटर से कम नहीं होगी और इसके नीचे से पांच ट्रैक बनाए जितनी जगह छोडऩे से ब्रिज की लंबाई को ५४ मीटर ही रखना पड़ेगा। सेतू निगम ने लागत कम करने के लिए ४४ मीटर की लंबाई के ब्रिज की डिजाइन के लिए रेलवे से अनुरोध किया था किंतु रेलवे बोर्ड के नए नियमों से यह संभव नहीं हो पाएगा। इस वजह से ४४ मीटर के हिसाब से स्वीकृत ब्रिज को ५४ मीटर करने के लिए नए सिरे से सेतू निगम को अपने मुख्यालय से स्वीकृति लेना पड़ेगी। इससे इस ब्रिज की लागत बढ़ सकती है। वर्तमान में ब्रिज के लिए सेतू निगम को ९ करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली हुई है जो ४४ मीटर के हिसाब से है। ५४ मीटर की लंबाई करने से इसकी लागत में काफी इजाफा होगा जो सेतू निगम के मुख्यालय से ही स्वीकृत हो पाएगा।
ये आए थे रेलवे की तरफ से
रेलवे के ब्रिज डिपार्टमेंट की तरफ से गुरुवार को सुबह १० बजे सागोद रोड पुलिया का निरीक्षण का संदेश सेतू निगम को मिला था। इस पर सेतू निगम के एसडीओ आरके गुप्ता, सहायक यंत्री एमएल श्रीवास्तव तय समय पर पहुंच गए थे। उधर से रेलवे की तरफ से एईएन ब्रिज गोविंद शर्मा और एईएन ईस्ट रचित जैन मौके का मुआयना करने पहुंचे थे। सभी ने एक साथ रेलवे ट्रेक, ब्रिज की लंबाई-चौड़ाई सहित यातायात के लिए बायपास बनाने आदि बिंदुओं पर चर्चा की।
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रेलवे के ब्रिज डिपार्टमेंट की तरफ से गुरुवार को सुबह १० बजे सागोद रोड पुलिया का निरीक्षण का संदेश सेतू निगम को मिला था। इस पर सेतू निगम के एसडीओ आरके गुप्ता, सहायक यंत्री एमएल श्रीवास्तव तय समय पर पहुंच गए थे। उधर से रेलवे की तरफ से एईएन ब्रिज गोविंद शर्मा और एईएन ईस्ट रचित जैन मौके का मुआयना करने पहुंचे थे। सभी ने एक साथ रेलवे ट्रेक, ब्रिज की लंबाई-चौड़ाई सहित यातायात के लिए बायपास बनाने आदि बिंदुओं पर चर्चा की।
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प्रपोजल भेजेंगे मुख्यालय
रेलवे के नियमों के अनुसार ब्रिज की लंबाई ५४ मीटर से कम नहीं हो सकती है। इस बात की जानकारी रेलवे के अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान हमें दी है। हमारा प्रस्ताव ४४ मीटर का था जिसे बदलकर ५४ मीटर करना पड़ेगा। इसके लिए मुख्यालय दोबारा प्रस्ताव भेजकर इसकी स्वीकृति लेना पड़ेगी। साथ ही बायपास रोड भी बनाना पड़ेगा जिसकी भी स्वीकृति लेना पड़ेगी।
आरके गुप्ता, एसडीओ सेतू निगम, रतलाम
रेलवे के नियमों के अनुसार ब्रिज की लंबाई ५४ मीटर से कम नहीं हो सकती है। इस बात की जानकारी रेलवे के अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान हमें दी है। हमारा प्रस्ताव ४४ मीटर का था जिसे बदलकर ५४ मीटर करना पड़ेगा। इसके लिए मुख्यालय दोबारा प्रस्ताव भेजकर इसकी स्वीकृति लेना पड़ेगी। साथ ही बायपास रोड भी बनाना पड़ेगा जिसकी भी स्वीकृति लेना पड़ेगी।
आरके गुप्ता, एसडीओ सेतू निगम, रतलाम