एमपी में युवाओं को मिल रहे रोजगार की हकीकत रविवार को सामने आई, जब जिला कोर्ट में 33 चपरासी के पद की भर्ती के लिए 6 हजार 900 आवेदन किए थे, इनमें करीब साढे ४ हजार साक्षात्कार देने पहुंचे। साक्षात्कार देने के लिए ग्रेजुएट युवाओं की लंबी लाइन लग गई थी। जबकि इस पद के लिए आवश्यक योग्यता मात्र आठवीं पास थी। लेकिन सबसे अधिक संख्या 12 वी पास अभ्यार्थियों की थी। जब युवाओं से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि बेरोजगार बनकर घूमने से कोई भी नौकरी होना बेहतर है और सरकारी नौकरी तो वैसे ही अच्छी होती है। मात्र एक मिनट के इंटरव्यू में भी युवा हैरान-परेशान दिखे। जो युवा इंटरव्यू देकर बाहर आ रहे थे उनसे बाकी के उम्मीदवार पूछे जाने वाले सवालों के बारे में जानकारी ले रहे थे, ताकि वो मानसिक रूप से तैयार हो सकें।
चतुर्थ वर्ग की नौकरी के लिए बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी अपना आवेदन जमा किया है। अपना- अपना साक्षात्कार देने के लिए बड़ी संख्या में महिला और पुरूष अभ्यर्थी शामिल हुई। साक्षात्कार शुरू होने के काफी पहले से ही अभ्यर्थी कोर्ट परिसर में जुटने लगते हैं। साक्षात्कार के पहले चरण में अभ्यर्थी को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती है। उपस्थिति दर्ज कराने के बाद अभ्यर्थियों को जिला जज की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेती है।
सुबह नो बजे से कोर्ट में इंटरव्यू लेना शुरू हुआ। जिला सत्र न्यायाधीश ने सात बैंचे बनाई थी। प्रत्येक बैंच पर तीन न्यायाधीश थे। जो कि साक्षात्कार ले रहे थे। इस प्रकार सात हजार आवेदन में एक बैंच पर एक हजार अभ्यार्थी का साक्षात्कार हुआ। 11 घंटे चले साक्षात्कार के हिसाब से 660 मिनट में साढे 4 हजार अभ्यार्थियों का साक्षात्कार हुआ। इस प्रकार एक अभ्यार्थी का एक मिनट से डेढ मिनट में साक्षात्कार हुआ।