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पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए चपरासी की नौकरी आइना

locationरतलामPublished: Jan 29, 2018 12:41:17 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– चपरासी की नौकरी के लिए लगी पोस्टग्रेजुएट और कंप्यूटर ग्रेजुएट की लाइन, एक मिनट में ही हो गया साक्षात्कार
 

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रतलाम।

बेरोजगारी और सरकारी नौकरी का ख्वाब लिए रतलाम जिला कोर्ट में रविवार को पोस्टग्रेजुएट और विभन्न विषयों में ग्रेजुएट की लाइन लग गई। लेकिन जिस नौकरी के लिए ये युवा यहां पहुंचे थे वो किसी ऊंचे पद के लिए नहीं बल्कि चपरासी के पद की थी। गौरतलब है कि साक्षात्कार के लिए जिला जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिन्होंने करीब साढे ४ हजार अभ्यार्थियों का साक्षात्कार लिया।

 

 

एमपी में युवाओं को मिल रहे रोजगार की हकीकत रविवार को सामने आई, जब जिला कोर्ट में 33 चपरासी के पद की भर्ती के लिए 6 हजार 900 आवेदन किए थे, इनमें करीब साढे ४ हजार साक्षात्कार देने पहुंचे। साक्षात्कार देने के लिए ग्रेजुएट युवाओं की लंबी लाइन लग गई थी। जबकि इस पद के लिए आवश्यक योग्यता मात्र आठवीं पास थी। लेकिन सबसे अधिक संख्या 12 वी पास अभ्यार्थियों की थी। जब युवाओं से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि बेरोजगार बनकर घूमने से कोई भी नौकरी होना बेहतर है और सरकारी नौकरी तो वैसे ही अच्छी होती है। मात्र एक मिनट के इंटरव्यू में भी युवा हैरान-परेशान दिखे। जो युवा इंटरव्यू देकर बाहर आ रहे थे उनसे बाकी के उम्मीदवार पूछे जाने वाले सवालों के बारे में जानकारी ले रहे थे, ताकि वो मानसिक रूप से तैयार हो सकें।

ग्रेजुएट महिलाओं ने भी किया चपरासी पद के लिए आवेदन

चतुर्थ वर्ग की नौकरी के लिए बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी अपना आवेदन जमा किया है। अपना- अपना साक्षात्कार देने के लिए बड़ी संख्या में महिला और पुरूष अभ्यर्थी शामिल हुई। साक्षात्कार शुरू होने के काफी पहले से ही अभ्यर्थी कोर्ट परिसर में जुटने लगते हैं। साक्षात्कार के पहले चरण में अभ्यर्थी को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती है। उपस्थिति दर्ज कराने के बाद अभ्यर्थियों को जिला जज की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेती है।

पत्रिका से बातचीत के दौरान बेरोजगारी दर्द किया बयां

– मामटखेड़ा गांव निवासी संजय पाटीदार ने बताया कि वह बीए पास है। बेरोजगारी इतनी है कि सोचा फिलहाल जो सरकारी नौकरी मिले निजी दुकान पर चाकरी करने से बेहतर है। उन्होंने बताया कि तीन न्यायाधीश एक बैंच पर बैठे है। उनके सामने जाकर खड़ा होना पड़ता है। नमस्कार किया और उसके बाद एक ने पूछा कहां रहते हो, कितनी बीघा जमीन है। खेत में पानी है या नहीं। उसके बाद कहा जाओ।
– भाटपचलाना निवासी दिनेश सिंह राठौर ने बताया कि बेरोजगारी है, पढ़ाई के अनुरूप नौकरी नहीं मिल रही है। जीवनयापन के लिए कुछ तो करना पड़ेगा। नौकरी चपरासी की है, लेकिन सरकारी तो है। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में नाम पूछा और कहा कि एम पास हो। झाडू पोछा कर लोगे। मैने कहा हां। फिर कहा ठीक है, जाओ।
– रतलाम शहर निवासी सोनूपाल ने बताया कि वह बीए और कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम से आईटीआई होल्डर है। वह खुद के पैरो पर ही खड़ा होना चाहती है। फिलहाल जो नौकरी मिले उसे कर ले और बेहतर के लिए प्रयास करते रहे। इंटरव्यू में नाम पूछा और पता पूछा। कहा पिताजी क्या करते है। उसके बाद कहां चपरासी का काम पता है। उसने कहा हा। झाडू पोछा कर लोगे।
11 घंटे तक चला इंटरव्यू का दौर

सुबह नो बजे से कोर्ट में इंटरव्यू लेना शुरू हुआ। जिला सत्र न्यायाधीश ने सात बैंचे बनाई थी। प्रत्येक बैंच पर तीन न्यायाधीश थे। जो कि साक्षात्कार ले रहे थे। इस प्रकार सात हजार आवेदन में एक बैंच पर एक हजार अभ्यार्थी का साक्षात्कार हुआ। 11 घंटे चले साक्षात्कार के हिसाब से 660 मिनट में साढे 4 हजार अभ्यार्थियों का साक्षात्कार हुआ। इस प्रकार एक अभ्यार्थी का एक मिनट से डेढ मिनट में साक्षात्कार हुआ।

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