कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर होने वाली जांच को लेकर अधिकारी व कर्मचारियों का दल तैयार हो रहा है। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि जो भी दल जांच करेगा जिम्मेदारी उसकी तय की जाएगी, इसलिए बीपीएल परिवारों की जांच पूरी तरह से सही होना चाहिए। दरअसल इस जांच के पीछे उद्देश्य शासन की योजना का वे परिवार जो कि पात्र नहीं है, फिर भी इसका लाभ ले रहे है, उनकी सूची तैयार कर उन्हे बाहर करना है। एेसे में जांच के बाद सिर्फ वास्तविक लोग ही सूची में शामिल रहेंगे।
एक-दूसरे को नहीं ठहरा सकेंगे दोषी
प्रशासन का मानना है कि जिस प्रकार से शहर में पूर्व में राशन घोटाला उजागर हुआ था और उसमें नगर निगम, खाद्य विभाग और ठेकेदार इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे थे, वह अब नहीं हो सकेगा। अब जो जांच दल बीपीएल परिवार का सत्यापन करेगा, गड़बड़ी उजागर होने पर वहीं उसके लिए दोषी माना जाएगा। एेसे में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत पर संबंधित व्यक्ति के साथ जांच दल में शामिल सदस्यों को भी इसके लिए दोषी ठहराया जाएगा और उन भी कार्रवाई तय की जाएगी।
प्रशासन का मानना है कि जिस प्रकार से शहर में पूर्व में राशन घोटाला उजागर हुआ था और उसमें नगर निगम, खाद्य विभाग और ठेकेदार इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे थे, वह अब नहीं हो सकेगा। अब जो जांच दल बीपीएल परिवार का सत्यापन करेगा, गड़बड़ी उजागर होने पर वहीं उसके लिए दोषी माना जाएगा। एेसे में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत पर संबंधित व्यक्ति के साथ जांच दल में शामिल सदस्यों को भी इसके लिए दोषी ठहराया जाएगा और उन भी कार्रवाई तय की जाएगी।
ऑन लाइन सॉफ्टवेयर की मदद से जांच
प्रशासन ने बीपीएल परिवारों की जांच के लिए दो माह यानी 60 दिन का समय दिया है। उक्त समयावधि में ११०० दलों को दो लाख परिवारों का सत्यापन करना होगा। यदि कोई छूट भी जाता है तो उक्त समयावधि को थोड़ा बढ़ाया भी जा सकता है, फिलहाल इसे लेकर अभी किसी प्रकार के कोई निर्देश जारी नहीं किए जा सके है। वहीं जितने भी बीपीएल परिवार प्रशासन की सूची में दर्ज है, उन्हे ऑन लाइन सॉफ्टवेयर की मदद से भी देखा जा रहा है।
प्रशासन ने बीपीएल परिवारों की जांच के लिए दो माह यानी 60 दिन का समय दिया है। उक्त समयावधि में ११०० दलों को दो लाख परिवारों का सत्यापन करना होगा। यदि कोई छूट भी जाता है तो उक्त समयावधि को थोड़ा बढ़ाया भी जा सकता है, फिलहाल इसे लेकर अभी किसी प्रकार के कोई निर्देश जारी नहीं किए जा सके है। वहीं जितने भी बीपीएल परिवार प्रशासन की सूची में दर्ज है, उन्हे ऑन लाइन सॉफ्टवेयर की मदद से भी देखा जा रहा है।
फैक्ट:
इस तरह जांच
1100 अधिकारियों-कर्मचारियों को कर रहे तैनात
60 दिन में करना है बीपीएल परिवारों का सत्यापन
02 लाख से ज्यादा बीपीएल परिवारों की जांच होगी
03 बड़े महकमे निगम, खाद्य विभाग व राजस्व शामिल
07 निकाय और सभी विकासखंडों में होगी जांच
इनका कहना है
हर परिवार जांच के दायरे में
– टीम बनाई जा रही है। एक-एक परिवार का सर्वे किया जाएगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा। सर्वे के दौरान अपात्र होंगे, उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। टीमों की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे सर्वे में किसी प्रकार से लापरवाही ना बरतें और निष्पक्षता से काम करें।
– जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर, रतलाम
हर परिवार जांच के दायरे में
– टीम बनाई जा रही है। एक-एक परिवार का सर्वे किया जाएगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा। सर्वे के दौरान अपात्र होंगे, उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। टीमों की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे सर्वे में किसी प्रकार से लापरवाही ना बरतें और निष्पक्षता से काम करें।
– जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर, रतलाम