पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कादम्बिनी धकाते द्वारा तीनों थानों में दर्ज कराई गई रिपोर्ट की गंभीरता को देखते हुए एसडीओपी रतलाम ग्रामीण मानसिंह चौहान के नेतृत्व में 10 सदस्यों की एसआईटी का गठन कर अपराध की विवेचना, साक्ष्य संकलन व आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया गया था। एसआईटी ने एक माह की अवधि में गहनता से जांच करते हुए प्रारंभिक दस्तावेजों के बाद इनकी पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आते गए। गिरोह के सदस्य ऑनलाइन आरओ जारी करवाकर सिविल सप्लाई कार्पोरेशन से पूरी सामग्री उठा लेते और फिर फर्जी आरओ पर सील लगाकर उस सामग्री में से 30 से 40 फीसदी सामग्री कम कर उचित मूल्य की दुकान तक पहुंचा देते। कम किया गया माल निकालकर बेच देते। इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद अपराध की धाराओं में भी बढ़ोतरी की है। प्रकरण में 420, 406, 409, 467, 468, 471, 411, 120बी का ईजाफा कर साक्ष्य संकलित किया जा रहा है।
आरोपी कम्प्यूटर आपरेट राजेश शर्मा, कनिष्ठ सहायक मप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन ललित मीणा वितरण केन्द्र सैलाना पर पदस्थ थे। उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित होने वाली खाद्य सामग्री के ऑनलाइन आदेश जारी करते थे। इन आदेशों के माध्यम से ट्रासंपोटर प्रतिनिधि कुलदीप देवड़ा के साथ मिलकर केलकच्छ में दीपेश कुमार एंड संस, रावटी में प्रकाश रोड लाइंस व शिवगढ़ के राजापुरा में शारदा रोड लाइंस के वाहनों में आनलाइन जारी आदेश के माध्यम से भंडार गृह से खाद्यान सामग्री निकलवाते थे। आवंटित राशन में से एक हिस्सा बीच में निकालकर अन्य वाहन से डेनियल जोसेफ व मुकेश लबाना दोनों निवासी शिवगढ़ व रईस निवासी रतलाम को बेच देते थे। इससे अवैधानिक रूप से लाभ प्राप्त कर रुपयों का बंटवारा कर लेते थे। बेचे गए खाद्यान सामग्री की शासकीय उचित मूल्य की दुकान की पावती रसीद भी आरोपी अपने पास की कूटरचित सीलों से तैयार कर उन्हे मप्र सिविल सप्लाय कार्पोरेशन जिला रतलाम के कार्यालय में जमा कर देते थे। इस प्रकार षढय़ंत्रपूर्वक छल करके शासन द्वारा आवंटित राशन की हेराफेरी कर अवैधानिक रुप से दस्तावेज तैयार कर अवैध लाभ प्राप्त करते थे। ऐसा इन्होंने दर्ज प्रकरण की तीनों ही दुकानों राजापुरा माताजी, केलकच्छ और रावटी में किया है।
अनुसंधान के दौरान पुलिस के संज्ञान में आया कि कोरोना काल में छात्रावास बंद थे तब भी राजापुरा माताजी की उचित मूल्य की दुकान से सेल्समैन और इन लोगों ने मिलीभगत करके छात्रावासों को ही खाद्यान वितरित करने के दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार कर लिए। इन दस्तावेजों पर भी फर्जी हस्ताक्षर स्वयं ने ही कर लिए और खाद्यान्न प्राप्ति की रसीदें उपलब्ध करा दी। दूसरी तरफ रावटी की उचित मूल्य की दुकान के सेल्समैन ने हितग्राहियों को पीओएस मशीन से खाद्यान्न दिए जाने के निर्देशों के बाद भी फर्जी रजिस्टर बनाकर उस पर हस्ताक्षर दिखा दिए। वास्तव में उन हितग्राहियों तक खाद्यान्न पहुंचा ही नहीं और न ही वे ले गए। यही नहीं इनकी दुकानों को प्राप्त आवंटन को भी ये लोग पूरा वितरण करना बता देते थे।
पुलिस ने तीनों ही मामलों में गिरफ्तार में रमेश चन्द्र पिता रतिचन्द्र मेरावत 42 साल निवासी रावटी, राजेश पिता श्रीलाल शर्मा 39 निवासी धम्माखेड़ा थाना रठाजना जिला प्रतापगढ़ राजस्थान हाल मुकाम कीर्तिविहार कालोनी सैलाना, कुलदीप पिता कन्हैयालाल देवड़ा 30 निवासी शिवगढ़ थाना शिवगढ़, डेनियल जोसफ पिता बाबू जोसफ 28 निवासी शिवगढ़ थाना शिवगढ़, मुकेश लबाना पिता कालू सिंह लबाना 30 निवासी शिवगढ़ थाना शिवगढ़ और गजेंद्र पिता वासुदेव शर्मा 40 निवासी राजापुरा माताजी थाना शिवगढ़ हैं।