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उज्जैन से लेकर भोपाल तक ईमेल से की पीडि़तों ने शिकायत

locationरतलामPublished: May 11, 2018 12:39:42 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

– पचास से अधिक पीडि़तों ने अपनी निजी ईमेल आईडी से अधिकारियों को शिकायत की मेल

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रतलाम। गंगा सागर कॉलोनी में हुए गड़बड़झाले की शिकायत गुरुवार को रहवासियों ने उज्जैन से लेकर भोपाल तक के अधिकारियों से की। करीब पचास से अधिक पीडि़तों ने अपनी निजी मेल आईडी से मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके मेल पर यहां के अधिकारियों की कारगुजारी से अवगत कराया है। संभवत: यह पहला एेसा मामला है, जिसमें एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने किसी विभाग के अधिकारियों को एक ही दिन में इतनी शिकायतें एक साथ मेल पर भेजी होगी।
अधिकारियों के पहुंची शिकायतों के बाद कुछ लोगों के पास वरिष्ठ कार्यालय से मामले की जांच के संबंध में मेल भी आए है। एेसे में अब स्थानीय स्तर पर हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों द्वारा की गई गड़बड़ी अब उजागर होने से नहीं बच सकेगी। गंगा सागर में प्लाट व भवन लेने वाले लोगों ने अपनी शिकायत के साथ पत्रिका द्वारा उनकी परेशानियों के संबंध में बीते दो दिन से लगाए जा रहे समाचारों की कटिंग भी मेल की है, जिसके माध्यम से वह अधिकारियों को यहां की वास्तविक स्थिति से रूबरू कराना चाहते है।
लाखों रुपए का है घोटाला
पीडि़त परिवार के सदस्यों की माने तो गंगा सागर कॉलोनी में भी प्लाट व भवन निर्माण सहित अन्य कार्यों में भारी अनियमितताएं सामने आ सकती है। यदि वरिष्ठ अधिकारी कॉलोनी में आकर यहां की वास्तविक स्थिति का जायजा लेंगे तो हकीकत सामने आ जाएगी। रहवासियों ने मंडल के स्थानीय अधिकारियों पर भारी भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगाए है। उनकी माने तो कॉलोनी के निर्माण के दौरान लाखों रुपए का घोटाला हुआ है, यदि सहीं तरीके से वरिष्ठ अधिकारी इसकी जांच करते है, तो लाखों रुपए का घोटाला उजागर हो सकता है।
विभाग में मची हलचल
बीते दो दिनों से लगातार रहवासियों के विरोध के बाद और उनके द्वारा वरिष्ठ कार्यालय में शिकायत की जानकारी स्थानीय अधिकारियों को मिलने के बाद से वह भी सकते में है। बीते दो दिनों लोगों के द्वारा प्रदर्शन व शिकायतें करने से विभाग में पदस्थ कर्मचारियों को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है। एेसे में पीडि़त रहवासियों द्वारा कड़ा रूख अपनाए जाने से दफ्तर में हलचल तेज हो गई है।
जारी रहेगा संघर्ष
हमारा संघर्ष जब तक जारी रहेगा, जब तक कि फैसला हमारे पक्ष में नहीं आ जाता है। इसी के चलते मेरे सहित करीब पचास लोगों ने मेल के माध्यम से भोपाल व उज्जैन में पदस्थ विभाग के अधिकारियों को मेल कर पूरे मामले से अवगत कराया है।
बाबूलाल राठी, पीडि़त उपभोक्ता

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