जिस तरह नगरीय क्षेत्र में नगर निगम व नगर पालिका शिक्षा उपकर, प्रकाश कर, वृत्तिकर, संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर वूसला जाता है, उसी तर्ज पर ग्राम पंचायतों को भी उक्त सभी प्रकार का टैक्स वसूल करना होता है, जिसमें कुछ को छोड़ अधिकांश पंचायतों के पास वसूली से जुड़ा कोई रिकॉर्ड हीं नहीं है। पंचायत द्वारा वसूले गए टैक्स की जानकारी जिला पंचायत को मुहैया कराने के लिए हर वर्ष यहां से पत्र भी जारी होते है, लेकिन उनका उत्तर गिनती की पंचायते ही देती है।
ग्राम पंचायतों में टैक्स वसूली में पिछडऩे का कारण ग्रामीणों द्वारा समय पर टैक्स जमा नहीं कराया जाना बताया जा रहा है। सरपंच व सचिवों की माने तो उनके द्वारा उनकी पंचायत के लोगों को टैक्स के संबंध में कई बार जानकारी देकर उसे समय पर भरने की समझाइश भी दी जाती है, जिसके चलते कुछ लोग समय पर टैक्स जमा करा देते है, लेकिन अधिकांश लोग समय पर इसे जमा नहीं कराते है। उन्हे बार-बार इस संबंध में कहा जाता है लेकिन कुछ न कुछ कारण बताकर वह टाल देते है।
खास बात तो यह है कि कैग रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हो गया है कि कितने करोड़ का टैक्स ग्राम पंचायतों द्वारा वसूल नहीं किया गया है, लेकिन जिला पंचायत को अब तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस जनपद ने कितने टैक्स की वसूली की है।
टैक्स वसूली के दिए है निर्देश
– सभी पंचायत सचिवों को उनकी पंचायत में बकाया टैक्स जमा कराने के निर्देश जारी किए है। साथ ही यह जानकारी भी मांगी गई है कि किस पंचायत में कुल कितना टैक्स वसूला जाना है और कब से इसकी वसूली होगी।
सोमेश मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत, रतलाम