Government Medical College Ratlam News: मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले स्टूडेंट जल्द ही जिला अस्पताल में नजर आएंगे। यहां पर ये मरीजों का उपचार नहीं करेंगे बल्कि उनकी परेशानियों को समझेंगे।
Government Medical College Ratlam News
रतलाम. Government Medical College Ratlam News: मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले स्टूडेंट जल्द ही जिला अस्पताल में नजर आएंगे। यहां पर ये मरीजों का उपचार नहीं करेंगे बल्कि उनकी परेशानियों को समझेंगे। बीते एक साल तक कॉलेज में पढ़ाई के बाद अब प्रैक्टीकल पढ़ाई के लिए इन्हे अस्पताल में प्रशिक्षण देने का दौर 16 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर जिला अस्पताल में जरुरत के हिसाब से तैयारियां की जा रही है।
जिला अस्पताल में कदम रखने के बाद भावी डॉक्टर यहां पर आने वाले मरीजों को किस तरह से उनकी बीमारी को पकड़कर डॉक्टर उनका उपचार करते है ये सीखेंगे। इसके साथ ही मरीज का ब्लड प्रेशर मापना सीखने के साथ मरीज की केस शीट को किस तरह से भरा जाता है, उसके बारे में जानकारी एकत्र करेंगे। शुरुआती दौर में स्टूडेंट को मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक्स सहित एक अन्य विषय को पढ़ेंगे। इस दौरान कॉलेज के प्रोफेसर इनके साथ रहेंगे। वहीं इन्हे सारी चीजों का सीखने का काम करेंगे।
दो हफ्ते बाद पहुंचेंगे वार्ड में शु रुआती दौर में करीब दस से पंद्रह दिन तक स्टूडेंट को मरीजों को एक्जामिन करना यानी कि बीमारी का पता लगाना सिखाया जाएगा। उसके बाद इन्हे अलग-अलग वार्डों में काम सीखने के लिए भेजा जाएगा और फिर ओपीडी में लाकर डॉक्टर किस तरह से किस मरीज का उपचार कर रहे है और किस प्रकार से मरीज की बीमारी का पता लगा रहे है, ये सीखेंगे। शुरुआती प्रशिक्षण में एक वर्ष तक सिर्फ चार विषयों के बारे में इन्हे प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अगले वर्ष से चार नए विषय पहले वर्ष का स्टूडेंट का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद दूसरे वर्ष में उन्हे रेडियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक सहित दो अन्य विषयों के बारे में सिखाया जाएगा। उसके बाद अगले तीन वर्ष तक इन्हे अस्पताल में ही रखा जाएगा। वर्तमान में प्रशिक्षण के दौरान किसी भी स्टूडेंट को सीधे तौर पर कोई मरीज को देखकर उसे दवाई लिखने का अधिकार नहीं रहेगा। इनके साथ संबंधित प्रोफेसर साथ रहेंगे, जो कि इन्हे हर चीज के बारे में बताएंगे।
जानकारी दी जाएगी कॉलेज के स्टूडेंट को चार टीम में बांटा गया है। प्रोफेसरों की मौजूदगी में यह अस्पताल में आने वाले मरीज को किस तरह से देखना है, उसे क्या बीमारी हो सकती है, उसे कैसे पकडऩा है, इसके बारे में सिखाया जाएगा। इसके साथ ही उन्हे बीपी की जांच और मरीज की केस शीट कैसे भरना है इसकी जानकारी दी जाएगी। फिर उन्हे वार्ड में काम सिखने के लिए रखा जाएगा। – डॉ. संजय दीक्षित, डीन मेडिकल कॉलेज, रतलाम