गत माह भी तय समय से देरी से 25 तारीख को उनके खातों में वेतन की राशि जमा हुई थी। बीते कुछ माह से लगातार वेतन मिलने में देरी के चलते उन कर्मचारियों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो कि किराए के मकान में रहते या फिर जिनके द्वारा बैंक लोन लिया गया है। लोन के मामले में तारीख बीतने पर भी किश्त जमा नहीं होने पर कर्मचारियों को पेनल्टी का फटका लग रहा है। बिना काम के वह बैंक के डिफाल्टरों की सूची में शामिल हो रहे है।
शासन का खजाना हुआ खाली
अधिकारियों की माने तो शासन का खजाना लगभग खाली हो चुका है। इस कारण से वह समय पर कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहा है। एेसे में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लेकर भृत्य तक सबकी एक जैसी हालत है। सभी को जल्द ही वेतन मिलने का इंतजार है। समय पर वेतन नहीं मिलने से अब कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है।
अधिकारियों की माने तो शासन का खजाना लगभग खाली हो चुका है। इस कारण से वह समय पर कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहा है। एेसे में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लेकर भृत्य तक सबकी एक जैसी हालत है। सभी को जल्द ही वेतन मिलने का इंतजार है। समय पर वेतन नहीं मिलने से अब कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है।
इन पदों है कर्मचारी
सीईओ, एओ, परियोजना अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, एएसओ, कार्यालय अधीक्षक, सहायक ग्रेड २, मनरेगा, वाटरशेड, मध्यान्ह भोजन ईकाई, स्वच्छ भारत मिशन, ग्राम रोजगार सहायक, जिले की सभी छह जनपदों के अधिकारी कर्मचारी व भृत्य इसमें शामिल है। समय पर वेतन न मिलने की समस्या रतलाम ही नहीं पूरे प्रदेश में एक जैसी बनी हुई है।परिवार को बेहतर ढ़ंग से चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सीईओ, एओ, परियोजना अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, एएसओ, कार्यालय अधीक्षक, सहायक ग्रेड २, मनरेगा, वाटरशेड, मध्यान्ह भोजन ईकाई, स्वच्छ भारत मिशन, ग्राम रोजगार सहायक, जिले की सभी छह जनपदों के अधिकारी कर्मचारी व भृत्य इसमें शामिल है। समय पर वेतन न मिलने की समस्या रतलाम ही नहीं पूरे प्रदेश में एक जैसी बनी हुई है।परिवार को बेहतर ढ़ंग से चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।