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रतलाम

इस रिटायर्ड अधिकारी ने बेटे को विधानसभा में तो पिता को लोकसभा में हराया, भेदा कांग्रेस के दिग्गज का किला

भाजपा के एक मात्र विधायक थे जिन्हें लोकसभा का टिकट दिया गया था।

रतलामMay 25, 2019 / 11:28 am

Pawan Tiwari

guman singh damor

इस रिटायर्ड अधिकारी ने बेटे को विधानसभा में तो पिता को लोकसभा में हराया, भेदा कांग्रेस के दिग्गज का किला

रतलाम. मध्यप्रदेश की झाबुआ-रतलाम लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत हुई है। लेकिन इस सीट पर भाजपा की जीत से ज्यादा चर्चा यहां से भाजपा उम्मीदवार जीएस डामोर की है। डामोर भाजपा के एक मात्र विधायक थे जिन्हें भाजपा ने टिकट दिया था। जीएस डामोर ने इस बार झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया को करारी शिकस्त दी है। इससे पहले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को मात दी थी। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की है। 2014 के मुकाबले भाजपा ने यहां एक सीट ज्यादा जीती है।
मोदी लहर में ढह गए किले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी लहर में मध्यप्रदेश में कई कांग्रेस नेताओं के किले गढ़ ढह गये। उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनजातीय समुदाय के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया शामिल हैं। मध्य प्रदेश के रिटायर्ड अधिकारी गुमान सिंह डामोर ने रतलाम-झाबुआ क्षेत्र से कांतिलाल भूरिया को 90 हजार 636 मतों के अंतर से हराया और कांग्रेस से यह सीट छीन ली। बता दें कि 2014 में भी भाजपा ने यह सीट जीती थी लेकिन 2015 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने यह सीट अपने नाम कर ली थी।
बेटे को भी हराया
डामोर ने छह महीने पहले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को चुनाव हराया था। झाबुआ विधानसभा सीट पर भाजपा ने कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया के खिलाफ जीएम डामोर को उतारा था। झाबुआ सीट से भाजपा के गुमान सिंह ने 10437 वोट से जीत दर्ज की थी। गुमान सिंह को 66 हजार 598 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के विक्रांत भूरिया को 56 हजार 161 वोट मिले थे।
भूरिया परिवार को जनता ने नहीं दिया मौका
लोकसभा चुनावों की अपनी जीत का श्रेय जीएस डामोर ने पीएम मोदी को दिया। डामोर ने कहा, मैं तो केवल माध्यम था। भूरिया और उनके बेटे को मतदाताओं ने हराया। उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के सिलसिलेवार नतीजों से स्पष्ट है कि भूरिया परिवार को रतलाम-झाबुआ क्षेत्र की जनता नकार चुकी है। बता दें कि डामोर 2017 में प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के चीफ इंजीनियर के पद से रिटायरमेंट के बाद वह भाजपा में शामिल हुए थे।
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