ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने कहा कि देश व दुनिया में हर बहन चाहती है कि उसके भाई का जीवन सुखमय हो और वह लगातार प्रगति करता रहे। इसके लिए बहन को राखी पर अपने भाई के लिए आपने हाथों से राखी बनाएं। ये राखी सामान्य राखी से अलग होती हैं और इसी कारण ये धार्मिक महत्व रखती हैं। ज्योतिष के अनुसार वैदिक राखी मंगलकारी होती है और इसे बनाना भी आसान है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस राखी के उपयोग या बंधन से भाई को मालामाल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
इन पांच घरेलू वस्तुओं से बनती है वैदिक राखी
वैदिक राखी बनाना काफी आसान है। ये पांच वस्तु घर-घर में मिल जाती है। पांच वस्तुओं से मिल कर वैदिक राखी बनती है। इन पांचों वास्तुओं को रक्षासूत्र में बांधा जाता है। इन पांच चीजों में दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चन्दन और राई का प्रयोग किया जाता है। इन सभी चीजों को लेकर वेदिक राखी बनाई जाती है। इन वस्तुओं को रेशम के कपड़े या सूती कपड़े में बांधा जाता है। फिर इसे रक्षासूत्र में बांध दिया जाता है और वैदिक राखी तैयार हो जाती है। इसके बाद इसको आप अपने भाई की कलाई पर आसानी से बांध सकते है।
वैदिक राखी बनाना काफी आसान है। ये पांच वस्तु घर-घर में मिल जाती है। पांच वस्तुओं से मिल कर वैदिक राखी बनती है। इन पांचों वास्तुओं को रक्षासूत्र में बांधा जाता है। इन पांच चीजों में दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चन्दन और राई का प्रयोग किया जाता है। इन सभी चीजों को लेकर वेदिक राखी बनाई जाती है। इन वस्तुओं को रेशम के कपड़े या सूती कपड़े में बांधा जाता है। फिर इसे रक्षासूत्र में बांध दिया जाता है और वैदिक राखी तैयार हो जाती है। इसके बाद इसको आप अपने भाई की कलाई पर आसानी से बांध सकते है।
इन पांच वस्तुओं के धार्मिक महत्व भी जानें दुर्वा (घास) – दूर्वा यानी दूब अपने आप बढ़ती जाती है और दूर्वा की तरह ही राखी बांध कर आप अपने भाई के प्रगति और वंश को बढऩे की कामना करती हैं। दूर्वा शुद्ध होती है और उसी तरह आप अपने भाई के मन और विचार के शुद्ध होने की कमाना करती हैं। दूर्वा विघ्नहर्ता को प्रिय है और भाई को भी आप विघ्न बाधों से दूर करती हैं।
अक्षत (चावल) – अक्षत का मतलब है कि कभी क्षति न हो। सदा रिश्ता अखंड बनाने का घोतक होता है अक्षत। इसलिए अब आप राखी में इसका प्रयोग करती हैं तो इसका मतलब होता है कि आप अपने और अपने भाई के रिश्ते को अखंड बनाना चाहती है।
केसर – केसर तेजस्वी और जीवन में आध्यात्मिकता का तेज देने वाला होता है। इसे राखी में प्रयोग करने से भाई को सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है। चंदन – चंदन ठंडक और शांति का प्रतीक होता है। और राखी में इसका प्रयोग आपके भाई के जीवन में शांति और सुकून प्रदान करता है। जिस तरह से इसकी खूशबु फैलती है आप अपने भाई के वैभव को भी वैसे ही फैलाना चाहती हैं।
राई के दाने – राई की प्रकृति तीक्ष्ण होती है। इसका मतलब है कि आप अपने भाई के दुर्गुणों को दूर कर उसे बुरी नजर से बचाना चाहती हैं। इस तरह तैयार करें राखी
बहने पीले, केसरिया या लाल रंग का रेशमी या सूती कपड़ा लें। अब इस कपड़ें में आप 5, 11 या 21 चावल के दाने, 11 या 21 दाने राई लें और फिर इसमें 7 धागे केसर और पांच दूर्वा की पत्तियों के साथ इसमें एक चुटकी चंदन भी इसमें डाल दें। अब इसकी पोटली बना लें। इस पोटली को आप चाहें तो सितारों से सजा कर राखी बना लें और अब इस पोटली को रक्षाधागे से बांध कर राखी का रूप दें। बस हो गई राखी तैयार।
बहन बोलें यह मंत्र राखी बांधते समय
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।।
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।।