अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।
इस चौपाई को नित्य रूप से पढऩे से शरीर की दुर्बलता कम होती जाती है! श्री हनुमान को राम का दूत कहा गया है और वे अंजनी और पवन के पुत्र थे! अत्यधिक बलशाली हनुमान का यह दोहा पढऩे से आप अपनेआप में अद्भुत शक्ति का संचार महसूस करेंगे!
कुमति निवार सुमति के संगी।।
इन पंक्तियों का उच्चारण करने से व्यक्ति में बुद्धि और ज्ञान का विकास होता है! बुरे विचार आने बंद हो जाते हैं और अच्छे विचार मन में घर बनाने लगते हैं!कर के देखियेए आप को इन के जादू का आभास अपने आप होगा!
रामकाज करीबे को आतुर।।
संसारी बुद्धिमता को प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को इन पंक्तियों को पढऩा चाहिए! उन के सारे प्रश्नों के उतार अपनेआप प्राप्त होने लगेंगे! भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
जब आप अपने दुश्मनों से लड़ते लड़ते थक चुके हों तो हनुमान चालीसा के इस दोहे को पढऩा शुरू कीजिये पूरी श्रद्धा के साथ और देखिये कैसे आप के शत्रु आप से डर के भागते हैं!
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
हर प्रकार के रोग और पीड़ा से निजात पानी हो तो यह दोहा जादू सा काम करता है! नित्य रूप से पढ़ कर देखिये!
पं. मुकेश जोशी ने बताया कि भगवान हनुमान के बारे में कहा जाता है की वे एक ऐसे देव हैं जो शीघ्र ही प्रस्सन्न हो जाते हैं! सीता माता के वरदान प्राप्त होने के बाद श्री हनुमान अमर हो गए! और कहा जाता है की जहां कहीं भी हनुमान चालीसाए सुन्दरकाण्ड या रामायण का पाठ पढ़ा जाता होए वहाँ श्री हनुमान की उपस्थिति ज़रूर होती है और वे अपने भक्तों के सब से करीब होते है! हनुमान चालीसा के चमत्कारी असर के बारे में कई प्रमाण मिलते हैं!