स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत नगर निगम ने शहरी क्षेत्रों से सूखा-गीला कचरा अलग-अलग संग्रह करने के लिए चलित वाहनों की व्यवस्था तो, लेकिन इन वाहनों की अब सांसे फूलने लगी है। हालात यह है कि अधिकांश वाहन किसी ने किसी क्षेत्र के खराब होने लगे है तो संगीत-सायरन तो सुनाई ही नहीं दे रहा है। मजबूरन कर्मचारियों को गला फाड़ फाड़ कर सिटी बजाकर कचरे के लिए लोगों को घर-घर से बुलाना पड़ रहा है।
यहां चला रखी नोटशीट अलकापुरी क्षेत्र झोन के कर्मचारी का कहना है कि नोटशीट भी चला रखी है, झोन इंस्पेक्टर को भी बता रखा है 6 व 7 में हार्न और मैजिक भी खराब है। यही हाल दो बत्ती क्षेत्र के वाहन के भी है। शहर में निगम द्वारा 49 वार्डोंं में चलित वाहनों की व्यवस्था की गई, जो सुबह 6.30 से दोपहर 12 बजे और दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक कचरा संग्रह कर निस्तारण के लिए घर बैठे सुविधा उपलब्ध होते है, लेकिन अब इनका दम भर गया। खरीदे गए कूड़ा संग्रह वाहन पर लगी साउंड मशीन में संगीतमय गाना गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल भी बजता सुनाई ही नहीं देता। चालक के साथ सहचालक के भी इन हर गिन बिगड़ते सायरन हार्न के कारण परेशान है और अब तो गला खराब होने लगा है।
इसलिए बज रही सिटी
हालात यह है कि कई कॉलोनियों में तो दो-तीन दिन तक कचरा वाहन नहीं पहुंचता है तो कहीं वाहन खराब होने के कारण सायरन और गीत नहीं बज रहे हैं। इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए और घर की महिला-पुरुषों को घरों से बाहर खड़े वाहन आने का संदेश देने के लिए अब सिटी का उपयोग किया जा रहा है, कर्मचारी भी परेशान होते हुए कहते नजर आते है कि हमारा गला दुखने लगा सिटी बजा बजाकर, कई बार शिकायत भी की लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
हालात यह है कि कई कॉलोनियों में तो दो-तीन दिन तक कचरा वाहन नहीं पहुंचता है तो कहीं वाहन खराब होने के कारण सायरन और गीत नहीं बज रहे हैं। इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए और घर की महिला-पुरुषों को घरों से बाहर खड़े वाहन आने का संदेश देने के लिए अब सिटी का उपयोग किया जा रहा है, कर्मचारी भी परेशान होते हुए कहते नजर आते है कि हमारा गला दुखने लगा सिटी बजा बजाकर, कई बार शिकायत भी की लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
इनका कहना है… शहर के 49 वार्डों में वाहन नियमित रूप से कचरा संग्रह कर रहे हैं। चार वाहन आज ही सुधरवाए है। जैसे ही खराब होते है इनको सही करके वार्ड में पहुंचाते हैं। वर्तमान में 39, 7, 6 गाडिय़ां बंद पड़ी है। सायरन, टेप खराब होती रहती है, इलेक्ट्रीक संसाधन है। वैकल्पिक व्यवस्था भी है। कई बार ड्रायवर की समस्या भी आती है। हर वाहन के सहचालक को सिटी दे रखी है, माईक बंद होने पर बजाते हैं।
– भूपेंद्रसिंह चौहान, एलडीसी, वर्कशॉप, नगर निगम, रतलाम