यह होता है फायदा एफ फार्म को ऑनलाइन करने की अनिवार्यता पिछले सालों से है किंतु अस्पताल प्रशासन आज तक इस पर निर्णय नहीं कर पाया और न ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अपने मातहत जिला अस्पताल में इसे लागू करवा पाए हैं। इससे फायदा यह होता है कि भ्रूण ***** परीक्षण पर सख्ती से रोक लगाई जा सकती है। बाद में सीएमएचओ कार्यालय के नोडल अधिकारी इन फार्मों का सत्यापन करते हैं। सोनोग्राफी होने के बाद संबंधित महिला की ट्रेकिंग भी की जाती है कि उसका प्रसव कहां, किस तारीख को हुआ और उसने मेल या फीमेल को जन्म दिया।
यह होता है एफ फार्म किसी प्रसूता की सोनोग्राफी करने से पहले एफ फार्म को ऑनलाइन करना अनिवार्य होता है। यह फार्म ऑनलाइन ही खुलता है। संबंधित महिला या उसके पति का मोबाइल नंबर जनरेट करके (वन टाइम पासवर्ड) ओटीपी आता है। यह ओटीपी कम्प्यूटर में डालने पर फार्म खुलता है और फिंगर प्रिंट लगाने पर आगे की कार्रवाई होती है। जिला अस्पताल में एफ फार्म ऑनलाइन नहीं होने से न ओटीपी आ रहा है और न ही प्रसूताओं की पड़ताल हो पा रही है कि वास्तव में वे सोनोग्राफी करवाने आ रही है तो वैध है या अवैध।
एफ फार्म के ऑनलाइन करने के लिए ऑपरेटर की जरूरत होती है। अभी यह व्यवस्था जुटाई जा रही है। इंटरनेट कनेक्शन करवा दिया गया है। जल्द ही ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
एफ फार्म के ऑनलाइन करने के लिए ऑपरेटर की जरूरत होती है। अभी यह व्यवस्था जुटाई जा रही है। इंटरनेट कनेक्शन करवा दिया गया है। जल्द ही ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल