वहां पर 8 मार्च तक भर्ती रख उपचार करवाया था। इसकी सूचना रतलाम में भर्ती किए जाने के दौरान अभिकर्ता को दी थी। दाहोद से डिस्चार्ज होने के बाद उनके द्वारा १२ हजार का भुगतान करने का निवेदन किया था। इस संबंध में सभी दस्तावेज भी जमा करा दिए थे, उसके बाद भी भुगतान नहीं हो सका था।
न्यायालस ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए पीडि़त को 5600 रुपए व उक्त राशि पर क्लेम निरस्त करने के दिन से राशि अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करने व पीडि़त को मानसिक क्षति के लिए तीन हजार रुपए व परिवाद व्यय के दो हजार रुपए अदा करने के आदेश जारी किए है। उक्त फैसला फोरम की अध्यक्ष राधा सोनकर, सदस्य ओमप्रकाश ओझा व जयमाला संघवी ने सुनाया।