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रंग-गुलाल की सजी दुकानें, छाया होली का खुमार

locationरतलामPublished: Mar 01, 2018 06:59:00 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

रंगों से सराबोर होने को आतुर शहर होलिका दहन व धुलेंडी की तैयारियां

holi Colored gully shops

जावरा। रंगों के पर्व को लेकर हर और उत्साह का माहौल है। बाजारों में जहां पिचकारी से लेकर सतरंगी रंगों की दुकानें सज चुकी हैं तो युवा भी रंगों की मस्ती में डूबने का आतुर है। होलिका दहन से पूर्व ही रंगों की सजी दुकाने और पिचकारी उत्साह को बढ़ाने का काम कर रही हैं। पर्व को लेकर इन दिनों हर और तैयारियों का दौर चल रहा है। वहीं प्रशासन व पुलिस भी सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम करने में जुटा है। होलिका दहन से लेकर धुलेंडी पर इस बार रंगारंग कार्यक्रम होंगे।

शहर के कोठी बाजार, बजाज खाना, घंटाघर चौराहा क्षेत्र के साथ ही प्रमुख बाजारों रंगों से सराबोर हो गए हैं। बाजारों में रंगों तथा पिचकारी से सजी दुकानों में अंचल से भी लोग खरीदारी करने पहुंचे रहे हैं, वैसे तो शहर में धुलेंडी की बजाए रंगपंचमी का पर्व अधिक उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन धुलेंडी को लेकर भी युवाओं तथा बच्चों में खासा उत्साह बना हुआ है। बच्चों में विशेषकर पिचकारी की और आकर्षण है। अलग-अगल तरह की पिचकारी बच्चों का मन मोह रही है।

46 स्थानों पर होगा होलिका दहन
इस बार भी प्रमुख स्थानों पर होलिका दहन होगा। नरसिंहपुरा, रावण द्वार, खाचरोद नाका, चौपाटी क्षेत्र, पीपली बाजार, मालीपुरा के अलावा शहर के विभिन्न मोहल्लों तथा बाजारों में होलिका दहन होगा। शहर में करीब 46 स्थानों पर होलिका दहन होगा। शहर के साथ गांवों में भी उत्साह व परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा।

बड़ी होली से लेकर जाते हैं अग्नि
नरसिंगपुरा में स्थित बड़ी होली पर सबसे पहले उनके परिवार के सदस्यों द्वारा विभिन्न प्रक्रियाओं और मान्यताओं को विधि-विधान से पूरा किया जाता है। इसके बाद होली दहन होता है। बड़ी होली दहन के बाद यहीं से अग्नि लेकर शहर में विभिन्न स्थानों पर जलने वाली होली का दहन किया जाता था। परंपरानुसार बड़ी होली पर उनके परिवार का सदस्य पहुंचता है। होलिका दहन के बाद सात दिन तक जल चढ़ाने का काम होता है और छट की रात को नरसिंहपुरा स्थित शीतला माता मंदिर पर उनके परिवार की महिलाओं द्वारा सबसे पहले पूजा ठंडे पकवानों का भोग लगाकर की जाती है। इसके बाद शहर की अन्य महिलाएं पूजा करती हैं।

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