धीरजशाह नगर में मिला फोन
मदन ने बताया वह ऑटो रिक्शा लेकर शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे धीरजशाहनगर गए थे। जाते समय सड़क के किनारे एक मोबाइल फोन पड़ा था। उनकी नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने ऑटो रिक्शा रोककर उसे उठाया। मोबाइल लेकर उन्होंने इधर-उधर देखा और कुछ लोगों से पूछा भी कि यह किसी का गिरा हुआ मोबाइल फोन तो नहीं। लोगों ने इनकार कर दिया। उन्होंने सोचा हो सकता है किसी वाहन चालक की जेब से गिरा होगा। वे मोबाइल फोन लेकर पहले पत्रिका कार्यालय आए और जानकारी देने के बाद दीनदयालनगर थाने पहुंचे। यहां उन्होंने मोबाइल फोन जमा करवा दिया जिससे कि वह वास्तविक व्यक्ति तक पहुंच जाए।
गहनों से भरे बैग भी लौटाया था इन्होंने
मदन बताते हैं कि पिछले साल २६ जुलाई को उन्होंने गहनों और कपड़ों से भरे दो बैग भी उसके वास्तविक मालिक तक पहुंचाया था। बडऩगर निवासी नीलेश पिता दिनेश चावरे अपनी बुआ के यहां मान के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। धम्माणी भवन में होने वाले कार्यक्रम के बाद वे मदन के ही आटो में बैठकर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। जल्दबाजी में वे अपना बैग इसमें भूल गए। इसमें सोने के गहनों के साथ ही कपड़े थे। परिवार को ट्रेन में बैठने के बाद पता चला कि दो बैग नहीं है। सीसीटीवी कैमरे में देखकर ऑटो चालक का पता लगाया। वे ऑटो चालक को तलाशते इसके पहले ही मदन इन बैगों को माणकचौक थाने पहुंचा चुके थे।