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ऑटो वाले की ईमानदारी ने शहर का नाम किया रोशन: पहले लौटाए थे जेवर अबकी बार मोबाइल

locationरतलामPublished: Feb 16, 2019 05:51:33 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

ऑटो वाले की ईमानदारी ने शहर का नाम किया रोशन: पहले लौटाए थे जेवर अबकी बार मोबाइल

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ऑटो वाले की ईमानदारी ने शहर का नाम किया रोशन: पहले लौटाए थे जेवर अबकी बार मोबाइल

रतलाम। कहते हैं कि किसी की छोटी सी चीज पर नीयत खराब हो जाती है तो किसी का लाखों रुपए मिलने के बाद भी इमान नहीं डोलता है। कुछ ऐसा ही ऑटो रिक्शा चालक राजेंद्र नगर निवासी मदनलाल पिता लक्ष्मीनारायण राठौड़ (आलोट वाले) के साथ होता रहा है। शुक्रवार को भी उन्होंने इमानदारी की मिसाल पेश की जब उन्हें सड़क पर एक लावारिस हालत में मोबाइल फोन मिला। इसे उन्होंने उठाया और दीनदयालनगर पुलिस थाने के सुपुर्द करते हुए उनसे प्राप्ति भी ली ताकि उसे वास्तविक मालिक तक पहुंचाया जा सके।


धीरजशाह नगर में मिला फोन

मदन ने बताया वह ऑटो रिक्शा लेकर शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे धीरजशाहनगर गए थे। जाते समय सड़क के किनारे एक मोबाइल फोन पड़ा था। उनकी नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने ऑटो रिक्शा रोककर उसे उठाया। मोबाइल लेकर उन्होंने इधर-उधर देखा और कुछ लोगों से पूछा भी कि यह किसी का गिरा हुआ मोबाइल फोन तो नहीं। लोगों ने इनकार कर दिया। उन्होंने सोचा हो सकता है किसी वाहन चालक की जेब से गिरा होगा। वे मोबाइल फोन लेकर पहले पत्रिका कार्यालय आए और जानकारी देने के बाद दीनदयालनगर थाने पहुंचे। यहां उन्होंने मोबाइल फोन जमा करवा दिया जिससे कि वह वास्तविक व्यक्ति तक पहुंच जाए।
गहनों से भरे बैग भी लौटाया था इन्होंने

मदन बताते हैं कि पिछले साल २६ जुलाई को उन्होंने गहनों और कपड़ों से भरे दो बैग भी उसके वास्तविक मालिक तक पहुंचाया था। बडऩगर निवासी नीलेश पिता दिनेश चावरे अपनी बुआ के यहां मान के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। धम्माणी भवन में होने वाले कार्यक्रम के बाद वे मदन के ही आटो में बैठकर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। जल्दबाजी में वे अपना बैग इसमें भूल गए। इसमें सोने के गहनों के साथ ही कपड़े थे। परिवार को ट्रेन में बैठने के बाद पता चला कि दो बैग नहीं है। सीसीटीवी कैमरे में देखकर ऑटो चालक का पता लगाया। वे ऑटो चालक को तलाशते इसके पहले ही मदन इन बैगों को माणकचौक थाने पहुंचा चुके थे।

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